पील काउंसिल प्रतिनिधित्व विवाद पर हस्तक्षेप करेगा ब्रैम्पटन
ब्रैम्पटन। ब्रैम्पटन ने माना कि प्रांतीय काउन्सिल पर ब्रैम्पटन सीट की बढ़ोत्तरी में मिसिसॉगा रोड़ा अटका रहा हैं। मेयर लिंडा जैफरी अपने शहर के लिए प्रीमियर कैथलीन वीन से स्पष्ट प्रतिनिधित्व चाहती हैं।
जैफरी ब्रैम्पटन मेयर की दौड़ में प्रवेश के लिए क्वीनÓस पार्क छोड़ने से पूर्व वीन की कैबीनेट को संबोधित करना चाहती हैं, वह उन्हें सलाह देगी कि प्रांत के लिए कुछ कदम उठाए जाएं और पील प्रांत काउन्सिल की प्रतियोगिता में बदलाव किया जाएं।
ब्रैम्पटन को बहुत लंबे समय के पश्चात प्रांत काउन्सिल में अधिक सीटें मिल पाई हैं। इस उद्देश्य की हुई प्रांतीय काउन्सिल सभा में ब्रैम्पटन और कालेडन काउन्सिलरों के प्रयोग में उनके एकत्रित मतों को पारित के लिए सरकारी कार्यबल की सिफारिश से चार नई सीटें ब्रैम्पटन के लिए और चार अधिक सीटें मिसिसॉगा के लिए 24 सदस्य काउन्सिल में जोड़ी गई हैं।
मिसिसॉगा का कहना हैं कि इस बात को अधिक समर्थन प्राप्त नहीं हैं, उनके अनुसार ब्रैम्पटन को प्रांतीय काउन्सिल में अधिकता के लिए अभी बहुत से बाधाओं को पार करना होगा। पील प्रांत में जारी लंबे समय से अटके अनुबंध पर चर्चा प्रारंभ हुई जिसमें मिसिसॉगा के पृथक क्षेत्र को और ब्रैम्पटन के अधिकृत क्षेत्र को इसके पड़ोसी को दक्षिण में आवश्यकता पर दिया जाएं। इसके लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया गया जिसमें पील प्रांत काउन्सिल में भविष्य की सीटों को देखते हुए चार चयनों पर ध्यान दिया गया, ब्रैम्पटन प्रतिनिधियों के अनुसार 11 या तो नौ प्रांतीय काउन्सिलरों की नियुक्ति होगी अभी शहर में सात काउन्सिलर हैं, मिसिसॉगा में 12 और कालेडन में 5 हैं।
इस निर्णय के अनुसार मिसिसॉगा या कालेडन अपने दो प्रतिनिधियों को खोता हैं तो मिसिसॉगा को दो या चार काउन्सिलरों का लाभ होगा।
ब्रैम्पटन मेयर लिंडा जैफरी ने कहा कि हम प्रांत को 40 प्रतिशत किराया देते हैं तो हमें 29 प्रतिशत लाभ मिलना चाहिए, यह तो वैसा ही हो गया कि जैसे विवाह पूर्व अपने मंगेतर को विवाह काउन्सिलींग के लिए ले जाना। ब्रैम्पटन को इस वर्ष कई प्रकार की हानियों का समाना करना पड़ा, मिसिसॉगा मेयर बूनी क्रॉम्बी ने कहा कि हम इस प्रकार का कोई समझौता करने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह ब्रैम्पटन के प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ाकर 9 कर सकती हैं परन्तु उन्हें कालेडन की दो सीटों को छोड़ना होगा। यह बदलाव 2018 के चुनावों के लिए होगा जिसे 31 दिसम्बर 2017 से लागू कर दिया जाएगा।
प्रांतीय अध्यक्ष पद के लिए यह चयन अभी प्रांतीय काउन्सिल सदस्यों द्वारा नियमित रुप से चलता रहेगा।
जैफरी के अनुसार भूतकाल में प्रांतीय सरकार ने नगरपालिका के विवाद को राजनैतिक शक्ति से निपटाया था।
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