क्षतिग्रस्त श्रीलंका से मिलाप हेतु अनेक प्रवासियों को अनुमति
औटवा। ट्रुडो सरकार की उदारता का एक और संदेश दुनिया के सामने आया जब उन्होंने क्षतिग्रस्त युद्धोत्तर देशों में से एक श्रीलंका के परंपरागत निवासियों को अपने देश में शरण दी। कैनेडा और श्रीलंका के ये रिश्ते और अधिक मजबूत जब हुए जब विदेश मंत्री स्टीफन डायन अपनी दक्षिण एशिया यात्रा के दौरान श्रीलंका पहुंचे। उन्होंने यह यात्रा ट्रुडो सरकार द्वारा प्रचलित विदेशों के साथ रिश्ते प्रगाड़ करने की राह में एक कदम होगा। इसका एक मुख्य कारण यह भी हैं कि कैनेडा में बहुत बड़ी संख्या में श्रीलंकन तमिल रहते हैं, जो कैनेडा की उन्नति में बराबर के सहयोगी हैं। सूत्रों के अनुसार 26 वर्षीय के भारी रक्तपात के पश्चात 2009 से यह देश कुछ उन्नति की ओर आगे बढ़ा।
पिछली रुढ़ीवादी सरकार ने श्रीलंका के तमिल परिवारों के दबाव के कारण इस रिश्ते को और अधिक आगे बढ़ाने की सोची थी, परन्तु अत्यधिक हिंसा के कारण उस देश के साथ कैनेडा के रिश्ते आगे नहीं बढ़ पाएं और टूट गए।
पिछले वर्ष चुनावों में भारी जीत के साथ लिबरलस सत्ता में आएं, उन्होंने फिर से इस मैत्री को आगे बढ़ाने की सोची, परन्तु इसके लिए उन्होंने शर्त रखी कि श्रीलंका द्वारा सैनिकों के अधिकारों की पूर्ण रक्षा होवें। कैनेडियन तमिल कांग्रेस के डेविड पूपलापिल्लई ने कहा कि यह बहुत बड़ा कदम हैं, जिससे न केवल दो देशों में घनिष्ठता होगी बल्कि उनके देशवासी भी आपस में एकदूसरे को और अधिक संभालेंगे। कैनेडा में तमिलों की संख्या बहुत अधिक हैं, पूपलापिल्लई ने पुरजोर कोशिश करते हुए कहा कि कैनेडा को संरा सचिव काउन्सिल में सीट अवश्य मिलनी चाहिए, उनके द्वारा किए गए कार्य अतुल्यनीय हैं। कैनेडा अपने किए कार्यों के कारण दुनिया में एक सभ्य स्थान पर मौजूद हैं। श्री डॉयन द्वारा करी गई यात्रा का परिणाम आगामी कुछ महीनों में ही देखने को मिलेगा। उन्हें आशा हैं कि यह कार्य शीघ्र से शीघ्र ही प्रारंभ होगा।
अपनी घोषणाओं के दौरान डॉयन ने आगामी पांच वर्षों के दौरान कैनेडा 11.2 मिलीयन डॉलर की सहायता करेगा। डॉयन ने माना कि अधिक विलंभ लोगों के विकास के लिए अच्छा नहीं होगा।
Comments are closed.