मिसिसॉगा मेयर ने दर्ज करवाई हेट-क्राईम रिपोर्ट

news-2बूनी क्रॉम्बी ने कहा कि लोकल वेब के प्रकाशन में कहे उस लेख को तुरंत हटा देना चाहिए जिसमें लिखा गया कि मिसिसॉगा में बूनी मुस्लिम पीड़ित लड़कियों को और अधिक कष्ट देती हैं।
मिसिसॉगा। मिसिसॉगा मेयर बूनी क्रॉम्बी ने पील पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज करवाई जिसमें उन्होंने कहा कि शहर की एक लोकल वैबसाईट पर प्रकाशित लेख ने उन पर झूठे आरोप लगाए गए, जिससे शहर में नफरत की राजनीति फैलने का डर है, गौरतलब हैं कि इस वैबसाईट पर प्रकाशित एक लेख में बूनी पर आरोप लगाते हुए कहा गया कि उन्होंने अपने ही बेटे को इसलिए मरवा दिया क्योंकि वह एक ”गे” था।
मेयर पूरे शहर को इस्लामिक सिटी में परिवर्तित करना चाहती हैं। यह लेख गत शुक्रवार को मिसिसॉगा गेजेट द्वारा प्रकाशित किया गया इसमें यह भी कहा गया कि मिसिसॉगा में बलात्कार से पीड़ित सभी लड़कियों के साथ और अधिक बुरा व्यवहार होता हैं, जिसे अधिकतर मिसिसॉगा के हाई स्कूल के छात्र करते हैं और वह प्रतिदिन इन लड़कियों का शोषण करते रहते हैं जोकि दयनीय हैं।
अपनी शिकायत में बूनी ने कहा कि यह लेख पढ़कर मुझे बहुत बड़ा आघात लगा हैं, मैं कभी भी नहीं सोच सकती कि इस प्रकार कोई धर्म की आड़ लेकर इस प्रकार के आरोप मुझ पर लगाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने वकील से इस बारे में बात कर रही है और इस प्रकार के भद्दे आरोप के विरुद्ध वह कड़ी कार्यवाही करवाएगी।
सूत्रों के अनुसार इस लेख के लेखक एक्टन माईकल्स जोकि गैजेट के संपादक भी हैं, उन्होंने केवीन जॉनस्टन को यह वैबसाईट पर अपलोड के लिए दिया। जॉनस्टन ने बताया कि उन्होंने इस लेख को पूरा नहीं पढ़ा था, उन्हें लगा कि यह केवल हाई स्कूल के लड़कों द्वारा लड़कियों के साथ किए जाने वाले बुरे व्यवहार पर एक लेख हैं। कहा जाता हैं कि गैजेट का प्रारंभ 2014 में किया गया, जिसमें सभी प्रकार के विज्ञापनों के साथ कई लेख भी प्रकाशित किए जाते हैं। इस प्रकाशन में 13 लोग काम करते हैं जिसमें से जॉनस्टन और माईकल्स भी शामिल हैं।
कहा जाता हैं पिछले वर्ष भी एक प्रैस कॉन्फ्रेन्स के दौरान बूनी ने जॉनस्टन को सार्वजनिक रुप से उनके प्रशनों पर कड़ा उत्तर दिया था, जब उन्होंने एक प्रस्तावित मस्जिद को बनवाने पर बूनी द्वारा जोर दिए जाने की बात उठाई थी। जिसे बनवाने के लिए केवल एक ही काउन्सिलर सहमत था।
इस लेख के प्रकाशन के पश्चात कई हाई स्कूल के प्रधानाचार्यों ने भी आवाज उठाई हैं कि इस प्रकार का काई कृत उनके स्कूलों के छात्रों द्वारा नहीं किया जाता यह केवल एक झूठा आरोप हैं। जिस पर शीघ्र ही जांच होनी चाहिए।
You might also like

Comments are closed.