पील हाऊसींग कॉरपोरेशन बोर्ड में बरखास्तगी और इस्तीफे का दौर चला
ब्रैम्पटन। पील के अफॉरडेबल हाऊसींग कॉरपोरेशन के अंदर बोर्ड के नागरिक प्रतिनिधियों की तत्कालीन बिदाई प्रारंभ कर दी गई है। संस्था के महाप्रबंध अधिकारी को बरखास्तगी गत गुरुवार को हुई। पील हाऊसींग कॉरपोरेशन बोर्ड के शेष सदस्य निदेशकों के पास जाकर सार्वजनिक रुप से अपना इस्तीफा देकर आए। चार सदस्य की टीम ने शैडरक मवरीघा को हटाए जाने की मांग कर रहे थे जोकि अभी महाप्रबंधक के पद पर आसीन है।
बोर्ड में अभी केवल छ: प्रांतीय काउन्सिल सदस्य शामिल है। पीएससी की स्थापना 1976 में की गई थी तभी से यह बोर्ड गैर लाभार्थी आवासीय योजनाओं पर कार्य कर रहा था। पील प्रांत के कॉरपोरेशन में अंशधारक भी शामिल है, लेकिन कंपनी विशेष रुप से स्वतंत्र रुप से कार्य करती हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ समय से बोर्ड में आंतरिक रुप से कलह चल रहा था। जोकि संस्था द्वारा किए गए निर्णयों पर उत्पन्न हुआ था, जिसके कारण अन्य विभागों के सदस्य आपस में परेशानी का सामना कर रहे थे और उन्होंने यह भी माना कि उन्हें अब संस्था में काम करने में कोई रुचि भी नहीं रह गई हैं, जहां उनकी बात को समझा या सुना नहीं जा रहा हो। इस कारण से संयुक्त रुप से डायनी ऑस्टीन, सैमी इलयास, रैनीयल मेन्डीस और जुनैद मिर्जा ने इस्तीफा दे दिया। ऑस्टीन ने कहा कि नई सरकारी नीतियों के कारण न केवल संस्था पर बल्कि सामाजिक लोगों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा। दूसरी ओर माइल्स ने कहा कि हमने यह संस्था केवल इसलिए चुनी थी क्योंकि यहां लोगों की भलाई के लिए कार्य हो रहा था, लेकिन प्रबंधक की सेवाएं कुछ संदिग्ध हैं जिनपर हमें संदेह है। भविष्य में संस्था में काम करने से मन की शांति नहीं हो पाएगी और मानसिक चिंता रहेगी जिसके कारण हमने यह कदम उठाया। इस संबंध में पीएचसी को अवश्य ही सरकार के पास जाकर बातचीत करनी चाहिए और अन्य बोर्डों द्वारा नागरिक सदस्यों और योग्यता के साथ अपने मुद्दों को सबके सामने रखा होगा।
Comments are closed.