कम नहीं हो रही हार्पर की मुश्किलें

20120924-071753-gओटवा-प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। लगातार घपले घोटाले सामने आते जा रहे हैं और सरकार की मुसीबत बढ़ती जा रही है। माइक डफी मामले में सीनेट खर्च घोटाले की संसदीय जांच शुरू हो गई है और कई अहम खुलासे हो रहे हैं। सबसे अहम खुलासा ये हुआ है कि हार्पर को इस अनाप शनाप खर्च के बारे में पहले से ही पता था लेकिन उन्होंने कुछ भी करने का फैसला नहीं किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार डफी ने एक कंजर्वेटिव कॉकस मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री हार्पर से संपर्क कर इस मामले की जानकारी दी थी लेकिन हार्पर ने मामले में कोई कदम नहीं उठाया। डफी द्वारा फरवरी में ही पूरा मामला हार्पर की जानकारी में ला दिया गया था लेकिन वे इंतजार करों की नीति पर चलते रहे।
डफी ने जिस समय हार्पर को ये जानकारी दी, उस समय हार्पर एक कंजर्वेटिव कॉक्स की बैठक में ही थे। बैठक में भी इस मामले को लेकर चर्चा की गई थी लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया था। अब ये मामला फिर से सामने आ गया है। सरकार में अपने स्तर पर भी इस तरह के मामलों का समाधान किया जा रहा है।

ब्रेंट ने भी साथ छोड़ा
सरकार से एमपी का निकलना जारी है। ताजा मामला अल्बर्टा से एमपी ब्रेंट का है। जिन्होंने सरकार से बाहर आते ही सरकार पर हमला बोल दिया है। ऐसे में सरकार की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है, बल्कि ये सिलसिला तेज हो रहा है। अब ब्रेंट ने कहा है कि उन्हें सरकार में सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है और ऐसे में वे टीम से निकल रहे हैं।

फोर्ड का मामला भी मुसीबत बना
प्रधानमंत्री पहले टोरंटो मेयर रॉब फोर्ड को अपना प्रिय बताते रहे हैं और उनके साथ बैठकें भी करते आ रहे हैं लेकिन इस बार मेयर खुद भी उलझे हुए हैं और हार्पर भी अधिक अच्छी हालत में नहीं हैं। ऐसे में किसी की भी मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है।

 

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