कैनेडा में दिवाली पर धूम
टोरंटो। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कैनेडा के शहरों में धूमधाम से दिपावली पर्व मनाया जाएगा। पूरे जीटीए में आगामी दिवाली की रौनक अभी से देखने का मिल रही हैं। यह त्यौहार हिदू समुदाय व सिख समुदाय के लोग अपने कैनेडियन मित्रों व परिजनों के साथ धूम धाम से मनाते हैं। प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी अनेक बाजारों में इस त्यौहार को मनाने की पूरी तैयारियां हो गई हैं।
कैनेडा के ‘न्यूफाउंड लैंडÓ में 5 नवंबर को दिवाली की तरह एक रात आती है। यहां आतिशबाजी की खुशी के पीछे बताया जाता है कि आयरिश लोग अच्छी जिंदगी की तलाश में इधर आए थे और वही आज कैनेडा कहलाता है। बोनफायर में मस्ती का आलम यह है कि मकान, खिड़कियां भी रंग देते हैं।
दिवाली हिंदु समुदाय का सबसे बड़ा रोशनी का पर्व हैं। दुनिया में दक्षिण एशियाई लोग बहुत धूमधाम से मनाते है। इस वर्ष कैनेडा ड्राई द्वारा वार्षिक दिवाली मेले का आयोजन किया जा रहा है। 28 से 30 अक्टूबर को ब्रैमेली सिटी सेंटर में मनाया जाएगा। तीन दिवसीय इस उत्सव में सभी आयु वर्ग के लिए कई धमाके है। जिसे देख वे दंग रह जाएंगे। गौरतलब हैं कि ब्रैमेली सिटी सेंटर में एक बार फिर दिवाली उत्सव की तैयारियां आरंभ हो गई हैं। जहां संगीत, भांगड़ा डांस, स्वादिष्ट व्यजंन और बहुत से मनोरंजक कार्यक्रमों से सभी लोग मस्ती में डूब जाएंगे।
इस त्यौहार के आते ही कुछ दिन पूर्व से ही लोग इसकी तैयारियों में लग जाते हैं। भारत की भांति ही यहां लोगों के मन में इसके प्रति उत्साह देखने को मिलता हैं। वे भी अपने घरों की साफ सफाई करते हैं और उसी प्रकार दिपावली पर गणेश लक्ष्मी की पूजा की तैयारियां करते हैं। विदेश में होने के बावजूद लोगों का उत्साह उन्हें भारत में न होने का अहसास भी नहीं होने देता।
यहां लोगों के आपसी भाईचारे के कारण यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। लोग रात को पूजा के बाद सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए पटाखे चलाते हैं और उपहारों का आदान प्रदान करके अपनी खुश्यिों को और अधिक दुगना कर लेते हैं।
कैनेडा में रहने वाले भारतीय मूल के लोग इस त्यौहार की पूजा भी शुभ मुहूर्त देखकर करते हैं, जिससे उन्हें मां लक्ष्मी की पूरी कृपा मिल सके और उनके घर सुख व समृद्धि आएं। सिख समुदाय के लोग इस दिन गुरुद्वारे जाकर मत्था टेकते हैं और मोमबत्तियां जलाकर अपने परिवार व मित्रों की शुभेच्छा की कामना करते हैं। इस समाचार पत्र द्वारा हमारी भी यहीं कामना रहेगी कि यह दिवाली आपके लिए भी खुशियों का प्रतीक बनें और परिवार में सुख व समृद्धि लाएं।
भारत में चीन के बने सामानों का वहिष्कार
भारत में इस दिवाली के त्योहारी सीजन पर चीन के बने सामानों के बहिष्कार के चलते बने माहौल के कारण खुदरा व्यापारियों और थोक व्यापारियों के बीच चीन के सामान की मांग में पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग 45 प्रतिशत की गिरावट आई है। दूसरी तरफ लगभग 10 वर्ष के वनवास के बाद इस वर्ष मिट्टी से बने सामान की मांग में वृद्धि होने का अनुमान है।
दुनिया भर में दीपावली की धूम
दीपावली भारत ही नहीं दुनियाभर में मनाया जाता है। इसका कारण है दुनियाभर में रहने वाले अप्रवासी भारतीय जो जहां गए भारतीय त्योहारों और परंपराओं को साथ ले गए। दुनियाभर में दीपावली की तरह और भी कई त्योहार मनाए जाते हैं। रोशनी और आतिशबाजी के इस त्योहार को देशभर में क्रेज है। लेकिन यह पर्व अब केवल हिंदू या हिंदुस्तान तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसे विदेशों में भी मनाया जाता हैं। कई देशों में दिवाली की तरह ही फायर फेस्टिवल मनाया जाता है जो कि अलग-अलग नाम से मशहूर हैं। इन्हें मनाने के पीछे भी मान्यताएं हैं।
कैनेडा के ‘न्यूफाउंड लैंडÓ में 5 नवंबर को दिवाली की तरह एक रात आती है। यहां आतिशबाजी की खुशी के पीछे बताया जाता है कि आयरिश लोग अच्छी जिंदगी की तलाश में इधर आए थे और वही आज कैनेडा कहलाता है। बोनफायर में मस्ती का आलम यह है कि मकान, खिड़कियां भी रंग देते हैं।
अमेरिका में अल्टूना, फ्लोरिडा में मनोरंजक फायर फेस्टिवल मनाया जाता है। इसे सैमहेन कहते हैं। मूलरूप से यह खेती का त्योहार है। लेकिन इसमें दीपावली जैसा ही है।
ब्रिटेन में 5 नवंबर के दिन सन् 1605 से हाउस ऑफ लॉर्डस् नाम का उत्सव मनाया जाता है। इस उत्सव में पुतला दहन की परंपरा है।
नेपाल में दीपावली भारत की तरह पांच दिनों तक मनाया जाता है। इस दिन यहां गाय, श्वान और कौए को भोजन करवाया जाता है। उनकी पूजा की जाती है। व्यापारी दीपावली के दिन को बहुत शुभ मानते हैं।
श्रीलंका में तमिल समुदाय दीपावली के दिन तेल स्नान करता है। बड़ों का आशीर्वाद लेकर, शाम को पटाखे चलाते हैं। मलेशिया में सूर्य कैलेंडर के सातवें माह में दीपावली मनाई जाती है।
मलेशिया में हिंदू सूर्य कैलेंडर के सातवें माह में दीपावली मनाई जाती है। सिंगापुर में इस दिन सरकारी छुट्टी रहती है।
त्रिनिदाद और टोबैगो में बड़ी संख्या में भारतीय बसे हैं और वहां खूब धूमधाम से दीपावली मनाई जाती है। लोग घरों में पूजा करते हैं और रोशनी से घर जगमगा उठते हैं।
लेर्विक, शेटलैंड द्वीप, स्कॉटलैंड में अप हेली आ नाम से दीपावली से मिलता जुलता त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार पर आतिशबाजी होती है और लोग समुद्री योद्धाओं जैसे कपड़े पहनकर जुलूस निकालते हैं।
ईको फ्रेंडली दीपावली
दीपावली खुशियों का त्योहार है। यह खुशियां ही तो हैं जो हमें एक दूसरे से जुड़ने का अवसर देती हैं। इस खुशी का इजहार हम पटाखों को फोड़कर करते हैं। लेकिन पटाखों को फोड़ने से धुआं और शोर भी होता है ऐसे में हम ईको फ्रेंडली दीपावली मना सकते हैं। सजा सकते हैं। हैंड मेड पेपर से बनी कंदील आदि चीजें छतों से टंगी हुयी घर की शोभा बढ़ाती थीं। लेकिन, बीते कुछ सालों में घर सजाने में प्लास्टिक के सामान का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है। क्योंकि आप सभी जानते हैं कि प्लास्टिक गलत नहीं है। नतीजतन इसके असर दुष्प्रभावों के बारे में सोचना चाहिए। पटाखे पर्यावरण के लिए काफी नुकसानदेह है। तो सबसे पहले स्वयं पटाखे न जलाने का प्रण लें। अपने बच्चों और मित्रों को भी दिवाली पर पटाखे न जलाने के लिए प्रेरित करें। मिट्टी के दीये जलाएं क्योंकि अब इनकी जगह चमचमाती लाइट्स ने ले ली है। इससे बिजली की खपत बढ़ती है। बेहतर होगा कि घरों को मिट्टी से बने दीयों से रोशन किया जाए। और इन लाइटों पर निर्भरता जरा कम की जाए।
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