टोरंटो में चली स्कूल बसें
यॉर्क प्रांत में चलेगी डील के पश्चात
टोरंटो। निजी बस ठेकेदारों और उनके कर्मचारियों के मध्य अंतिम कुछ पलों में हुए समझौते के बाद अब फिर से हजारों जीटीए स्कूली बच्चे समय पर अपने स्कूल पहुंच सकेंगे। अंतत: स्कूल बस ड्राईवरों ने अपनी हड़ताल को टाल दिया और पुन: बस सेवा को प्रारंभ करने का वचन दिया हैं, गौरतलब है कि बस ड्राईवरों ने मध्यरात्रि से अपनी हड़ताल की घोषणा कर दी थी, यूनिफॉर लोकल 4268 और फर्स्ट स्टूडेंट मार्कहम के मध्य हुई चर्चा के बाद हड़ताल की समाप्ति की घोषणा प्रात: 6 बजे कर दी गई। यूनीफॉर 4268 की अध्यक्ष डेबी मॉन्टगोमेरी ने पत्रकारों को बताया कि हमें बहुत प्रसन्नता हो रही हैं यह घोषणा करते हुए कि हम फर्स्ट स्टूडेंट मार्कहम को मनाने में कामयाब हुए और उनके साथ एक सुनिश्चित अनुबंध के लिए राजी हो गए हैं। पहले तो सभी छात्र हड़ताल पर आमदा थे, परन्तु मॉन्टगोमेरी के समझाने पर उन्होंने वार्ता के लिए एकमत सुझाव किया, और वार्ता टेबल पर बैठे, वह बोली कि मैं जानती हूं कि इस हड़ताल से लगभग 18,000 छात्र प्रभावित होंगे यदि ड्राईवर अपनी जॉब छोड़ देते हैं। वह आगे बोली कि हम जानते है कि हमारा काम क्या हैं, और हम वह छोड़ना नहीं चाहते, हम चाहते है कि हमारे ड्राईवर सभी बच्चों को सही सलामत पिक करें व उनके घरों में सुरक्षित छोड़े। इस हड़ताल का सबसे अधिक प्रभाव टोरंटो व यॉर्क प्रांत के पब्लिक व कैथोलिक बोर्ड को पड़ने वाला था। मॉन्टगोमेरी ने आगे कहा कि इस हड़ताल की जिम्मेदारी 320 ड्राईवरों ने ले रखी थी जिससे जीटीए के 200 से अधिक स्कूली बसें प्रभावित होगी। कुल संख्या देखी जाएं तो इस हड़ताल से 18,500 छात्र-छात्राएं जिसमें 8500 टोरंटो डिस्ट्रीक स्कूल बोर्ड और 10,000 यॉर्क रिजन डिस्ट्रीक स्कूल बोर्ड और यॉर्क कैथोलिक डिस्ट्रीक स्कूल बोर्ड के मध्य आने वाले छात्र शामिल हैं। गत बुधवार को हुई इस वार्ता में दोनों पक्षों ने मिलकर एक बीच का समझौता किया। उन्होंने बताया कि औसतन स्कूल बस ड्राईवर प्रतिदिन एक कार्य का 45-65 डॉलर प्राप्त करता हैं और यदि उसे फोन करके काम पर बुलाया जाता हैं तो उसे उस कार्य का कोई भुगतान नहीं होता।
इस प्रक्रिया के स्थान पर कार्यों को मान्यता देते हुए ”डे इन और डे आउट” का प्रावधान रखा जाएगा। इसके लिए हम पूरे हफ्ते काम नहीं करेंगे और यदि हमसे काम लिया जाता हैं तो उसका भुगतान करना होगा और उसे विशेष कार्य में शामिल करना होगा। हम केवल इसलिए माने हैं कि हमें छोटे-छोटे बच्चों की परेशानी सोचकर दया आ गई।
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