नए अमेरिकी राष्ट्रपति से भारत को होंगे ये फायदे

presअमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेट पार्टी के राष्ट्रपति पद उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के बीच राष्ट्रपति पद को लेकर वोटिंग जारी है। ताजा आंकड़ो के मुताबिक दोनों ही उम्मीदवारों के बिच कांटे की टक्कर जारी है। अमेरिका में इन दोनों बड़ी हस्तियों में से कोई भी राष्ट्रपति बने भारत पर इसका कई तरीके से सकारात्मक असर पड़ेगा। एक ताजा चुनावी सर्वे के मुताबिक 65 फीसदी भारतीयों ने 69 साल की डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को पसंद किया है।

ट्रम्प ने मोदी के तर्ज पर किया चुनाव प्रचार
डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय मूल के वोटरों का दिल जीतने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के मशहूर नारे ‘अबकी बार, मोदी सरकार’ की नकल कर अपना नारा बनाया, ‘अबकी बार, ट्रम्प सरकार.’ बनाया। ट्रम्प को भी पता है कि नरेंद्र मोदी भारतीय अप्रवासियों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं, चाहे वो अप्रवासी अमेरिका में रहने वाले हों या ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले। ट्रम्प ने भारतीयों में भी हिंदू समुदाय की तारीफ करते हुए कहा कि दुनिया और अमेरिका की संस्कृति के विकास में हिंदू समुदाय का उल्लेखनीय योगदान रहा है। दूसरी ओर, हिलेरी का कहना है कि वो प्रेसिडेंट ओबामा की तरह ही भारत से रिश्ते मजबूत करेंगी। 21 वीं सदी भारत की होगी औऱ् एशिया में भारत ताकतवर होकर उभर रहा है।

चुनाव प्रचार के दौरान राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प अपने पाकिस्तान और आतंकवाद को लेकर पहले ही कड़ी प्रतिक्रिया जता चुकें है। ट्रम्प ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि पाकिस्तान राजनितिक तौर पर अस्थिर देश है और वहां मौजूद परमाणु हथियारों से पूरी दुनिया खतरे में है। ट्रम्प ने पाकिस्तान को चताते हुए कहा की राष्ट्रपति बनने पर पाकिस्तान को हर गलती के लिए सजा दूंगा। वहीँ डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी भी पाकिस्तान को लेकर कई बार आशंका जता चुकी हैं कि जिहादी सरकार पर कब्जा जमा सकते हैं। हिलेरी का कहना है कि आतंकी परमाणु हथियारों को कब्जे में लेकर दुनिया पर परमाणु हमला कर सकते हैं।

डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी चुनावी सभाओं में कहा कि हम चीन पर्यावरण और मजदूरी स्तर को सुधारने के लिए मजबूर करेंगे। जबकि हिलेरी ने चीन को कड़े शब्दों में ये सन्देश दिया की हमारे बाजारों में सस्ते उत्पादों को अवैध तरीके से उतारता है। हमारे व्यापार से जुड़े राज चुराता है अपनी मुद्रा से खेल खेलता है। सरकारी कंपनियों को अनुचित फायदा पहुंचाता है और अमेरिकी कंपनियों के साथ भेदभाव करता है। यदि मैं राष्ट्रपति चुनी जाती हूं तो उसे ‘नियमों’ से चलना होगा।

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