अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में 6 खास बातें
जानिए भारत के बारे में उनकी राय
डोनाल्ड ट्रंप दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका के राष्ट्रपति बन चुके हैं. दुनिया बेशक उन्हें डोनाल्ड ट्रंप के नाम से जानती है, लेकिन उनका पूरा नाम डोनाल़्ड जॉन ट्रंप है. वैसे डोनाल्ड बेहद मज़बूत इरादों की शख्सियत माने जाते हैं. उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाता है जो अपनी बात पर डटा और अपनी राय पर कायम रहता है, भले ही मीडिया और आलोचक उनके साथ हों या न हों. शायद यही कारण है कि बुद्धिजीवियों और विशेषज्ञों को अंतराष्ट्रीय मामलों की उनकी जानकारियों पर कुछ हद तक संशय रहा है.
- न्यूयॉर्क सिटी के क्वींस में 14 जून 1946 को वह पैदा हुए. फिलहाल वह अमेरिका स्थित मैनहट्टन के ट्रंप टावर में रहते हैं. उन्होंने तीन शादियां की हैं. 1977 में पहला विवाह इवाना ज़ेल्निकोवा के साथ, दूसरा 1993 में मार्ला मैपल्स के साथ और 2005 में मेलानिया नाउस के साथ हुआ.उनकी पहली बीवी से तीन बच्चे हैं, दूसरी से एक और तीसरी पत्नी से भी एक बच्चा है.
- ट्रंप फुटबॉल और बेसबॉल के शौकीन हैं. उन्होंने फ़ोडर्म विश्वविद्यालय और पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के वार्टन स्कूल ऑफ़ फ़िनान्स एण्ड कॉमर्स में पढ़ाई की है.
- बिजनेसमैन फैमिली होने की वजह से ट्रंप ने कॉलेज के समय से ही पिता की कंपनी में काम शुरू कर दिया था. 2011 में वह फोर्ब्स की टॉप 100 सेलिब्रिटी में शामिल हो गए.
- कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (नाटो) और कश्मीर जैसे मुद्दों को समझने की अभी कोशिश कर रहे हैं. ऐसे तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनकी राय मूड के हिसाब से बदलती रहती है, फिर वो चाहे भारत का मामला हो या रूस का मामला.
- हालांकि ट्रंप भारत सहित दुनिया के कई देशों की निवेश नीति प्रभावित कर सकते हैं. फिर भी अपने चुनावी माहौल के दौरान हिन्दुओं से प्रेम की बात कहकर भारतीय प्रवासियों को रिझाने में क़ामयाब रहे ट्रंप को भारत और अमेरिका सहित दुनिया भर के देश अनिश्चय के भाव से देख रहे हैं.
- आइये जानें क्या हैं भारत के प्रति ट्रंप की नीतियां
- भारत के सबसे अच्छे दोस्त साबित होने का हर संभव प्रयास करेंगे. ट्रंप ने यह बात कई बार दोहराई है..
- ट्रंप भारत में बड़े पैमाने पर निवेश करेंगे
- ट्रंप भारत में आउटसोर्सिंग के खिलाफ कदम उठाएंगे. यह भारत के सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी कंपनियों के लिए अहम मुद्दा है.
- इस्लामिक कट्टरपंथ और आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान को रोकने में भारत का साथ.
- एचवन-बी वीज़ा सिस्टम में पूरी तरह बदलाव किया जाएगा. यह वीज़ा अमेरिका में अस्थाई रूप से काम करने के लिए दिया जाता है. इसका ज़्यादातर इस्तेमाल भारत की प्रौद्योगिकी कंपनियां करती हैं.
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