जज साहब, करियर बनाना है, मैं शादी नहीं करूंगी
नई दिल्ली , आधुनिकता की दौड़ में अब युवतियों की सोच व प्राथमिकताएं तेजी से बदल रही हैं। चूल्हा-चौका और बच्चे संभालना, उनके लिए पुराने दिनों की बातें हो गई हैं। नए दौर में लड़कियां अब शादी से पहले करियर को प्राथमिकता दे रही हैं। बुधवार को एक युवती ने माता-पिता द्वारा शादी तय करने के निर्णय को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दे दी और अपने करियर बनाने की बात कहते हुए घरवालों से खुद की सुरक्षा की भी मांग की। चूंकि युवती बालिग थी और कानूनन उसका जबरन विवाह नहीं किया जा सकता, इसलिए कोर्ट ने फैसला उसके हक में सुनाया।
न्यायमूर्ति वीपी वैश ने मंडावली थाना की पुलिस को निर्देश दिए कि वह युवती को सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करे और माता-पिता को हिदायत दी कि उसका जबरन विवाह नहीं करा सकते और इस बात को लेकर परेशान नहीं करेंगे। पेश मामले में एक 22 वर्षीय युवती ने अपने अपने माता-पिता के खिलाफ याचिका दायर की। याचिकाकर्ता का कहना था कि स्नातक होने के बाद उसके परिजनों ने आगे पढ़ाने से इन्कार कर दिया और उसके लिए लडक़ा खोजने लगे, ताकि विवाह कर सकें। उसने सफल कामकाजी महिला बनने का सपना देखा है। इसके लिए उसने मेहनत करते हुए दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी पा ली है। इसके बावजूद, उसके परिजन विवाह के लिए मजबूर कर रहे हैं। बात न मानने पर उसे धमकी दी जा रही है।
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