लूनर नववर्ष पर पहुंचे प्रधानमंत्री
वैनकुअर। प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो लूनर नववर्ष कार्यक्रम के लिए वैनकुअर पहुंचे जहां उन्हें भारी वर्षा के साथ साथ लोगों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ा लेकिन फिर भी वह मुस्कराते रहे और उपस्थित लोगों का अभिवादन स्वीकार करते रहे। उन्होंने अपने संदेश में लोगों को प्रारंभ नववर्ष की बधाई देते हुए कहा कि यह नववर्ष उनके जीवन में अपार खुशियां व सफलताएं लाएं। समारोह में भाग लेने वाले कलाकारों ने पारंपरिक लॉयन डांस करके लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया इसके पश्चात परेड वैनकुवर के एतिहासिक चाईनाटाउन तक पहुंची। भारी वर्षा के मध्य लोगों की कम उपस्थिति भी प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो के उत्साह को कम नहीं कर पाई, उन्होंने अपना धैर्य नहीं छोड़ा और लोगों का अभिनंदन करते रहे। उनकी यात्रा के मध्य खड़ी भीड़ में पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि अमेरिका द्वारा सात देशों पर लगाए प्रतिबंद्ध पर उनकी प्रतिक्रिया क्या रहेगी, तो उन्होंने इस पर चुप्पी साधी रखी, जिसके आक्रोश में लोगों ने अपनी झुंझलाहट चीख चिल्लाकर निकाली, परन्तु पीएम ने अपनी सहजता दिखाते हुए शांति का सबूत दिया। इसी प्रकार प्रधानमंत्री ने पिछले दिसम्बर को ट्रान्स माउंटटेन पाईपलाईन को मान्यता दी जिसके अंतर्गत वर्तमान पाईपलाइन को तीन गुना करके उसकी क्षमता बढ़ाने की बात कहीं गई, जो सात गुणा यातायात को नियंत्रित करने के सक्षम होगा। लेकिन इसके विरोध में ट्रुडो को स्थानीय विरोध का सामना करना पड़ा, उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा कि हमें दोनों पक्षों का ध्यान रखना होगा, हमें पर्यावरण व निर्माण दोनों को ही देखना होगा और इसके साथ साथ आर्थिक स्थिरता को भी बरकरार रखनी होगी।
गौरतलब हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड द्वारा शरणार्थियों और आव्रजकों पर लगाए गए प्रतिबंध का विरोध शुरू हो गया है। वाशिंगटन, न्यूयार्क, डल्लास, शिकागो, डेनवेर, लॉस एंजिलिस और सैन फ्रांसिस्को हवाई अड्डा सहित कई स्थानों पर शनिवार को हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया। हवाई अड्डों पर अनगिनत लोगों को रोक लेने के बाद गुस्सा और असंतोष पैदा हो गया है। अमेरिका में आव्रजन वकीलों, कार्यकर्ताओं और डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता प्रतिबंध का विरोध कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने शुक्रवार को देश में चार महीने तक शरणार्थी कार्यक्रमों पर रोक लगा दी। इसके साथ ही सीरिया एवं अन्य छह देशों के लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। ग्रीन कार्ड धारकों को भी दोबारा जांच होने तक वापसी अनुमति नहीं मिलेगी। सूत्रों का मानना हैं कि प्रधानमंत्री द्वारा अपने कार्यकाल के दूसरे वर्ष में प्रवेश के उपरांत भी उनकी लोकप्रियता और किए हुए कार्यों के कारण उसका प्रभाव आगामी चुनावों में भी पड़ सकता हैं।
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