गैरकानूनी सीमा पार करने वालों के विरुद्ध रुपरेखा तैयार 

औटवा। केंद्रीय कैबीनेट मंत्रियों की गहन चर्चा के पश्चात लिबरल सरकार द्वारा कैनेडा की आश्रय नीति में बदलाव के संकेत दिए गए जिसके द्वारा गैरकानूनी सीमा पार करने वालों से कड़ाई से निपटा जा सकेगा।सीमा सुरक्षा आरसीएमपी और प्रवासी अधिकारियों द्वारा बीती सर्दियों में अत्यधिक घुसपैठ के कारण इस प्रकार की कार्यवाही की मंशा जताई गई। यह विचार किया गया कि सीमा-पार करने वालों पर उचित कार्यवाही की जाएं। गौरतलब हैं कि अमेरिका की तेजी से बदलती नीतियों के कारण और अभी हाल में बदले यात्रा संबंधी परिवर्तनों के कारण इस प्रकार की घुसपैठ में बहुत अधिक इजाफा हो गया हैं, जिसकी पुष्ठि स्वयं दोनों देशों के अधिकारियों द्वारा की गई हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग का कहना है कि हाल के सप्ताहों में अमेरिकी सीमा के रास्ते कैनेडा आने वाले सैंकड़ों लोग सीरिया, यमन, तुर्की या सूडान से हैं। ये लोग वे हैं जो कैनेडा में शरण मांग रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (यूएनएचसीआर) में कनाडा के प्रतिनिधि ज्यां निकोलस बूज ने एक साक्षात्कार में कहा कि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि लोगों का सीमा पार जाना एक तात्कालिक चलन है या दीर्घकालिक। यूएनएचसीआर ने मॉन्ट्रियल से 70 किमी दक्षिण में लाकोले स्थित सीमा पर और आसपास के इलाके में एक अभियान का नेतृत्व किया था। यहां अमेरिका को जाने वाली सड़क रोग्जैम रोड पर पूरे-पूरे परिवार अपने सूटकेसों और बच्चों को घुमाने वाली गाड़ियां लिए खड़े हैं। संयुक्त राष्ट्र का यह अभियान सीमा पुलिस और रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस के साथ समन्वय करते हुए चलाया गया। बूज ने कहा, यह लोग प्रवासी कम शरणार्थी ज्यादा हैं। संयुक्त राष्ट्र के लिए प्रवासी का अर्थ कोई ऐसा व्यक्ति है, जो अपने मूल देश को छोड़ने का फैसला मुक्त रूप से करता है। वहीं शरणार्थी वे लोग हैं, जिन्हें अपना देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इस घुसपैठ के मद्देनजर रियाद, सऊदी अरब के अमेरिकन राजदूत द्वारा जारी वीजा द्वारा बहुत से लोग सीमा से क्यूबेक में प्रवेश कर गए हैं, जोकि एक चिंता का विषय हैं, परन्तु सीमा सुरक्षा एजेंसी द्वारा यह पाया गया कि इसमें अधिकतर छोटे बच्चें देखें गए हैं इन इलाकों में। गत नवम्बर में अमेरिकन चुनावों से पूर्व कैनेडा की आश्रय नीति कारगर थी, परन्तु वर्तमान स्थितियों को देखते हुए यह नीति देश के लिए किसी ब?े संकट का कारण बन सकती हैं।
You might also like

Comments are closed.