पब्लिक स्कूलों में धार्मिक प्रार्थना के विरोध में निकाली गई मार्च
मिसिसॉगा। गत शनिवार को पील बोर्ड ऑफ एजुकेशन के मिसिसॉगा सेलेब्रेशन स्कावयर तक 200 लोगों ने मार्च निकाला। उनकी मांग थी कि पब्लिक स्कूलों में अन्य धार्मिक संस्कारों के साथ मुस्लिम प्रार्थना सभाओं का भी आयोजन किया जाना आपत्तिजनक हैं। स्कूलों का मानना हैं कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से सभी धर्मों के बारे में आने वाली पीढ़ी को इसका ज्ञान हो, जबकि प्रदर्शनकारियों का मानना हैं कि इससे जातिवाद को बढ़ावा मिलेगा। सेलीब्रेशन स्कावयर में एकत्र हुए लोगों ने पील डिस्ट्रीक्ट स्कूल बोर्ड के मुख्यालय तक मार्च करके अपनी मांगों को पूरा करने के लिए कहा उन्होंने हाथों में तख्तियां और बैनर पकड़े हुए थे। जिनके ऊपर ‘पब्लिक स्कूल में धार्मिक प्रशिक्षण नहीं हो’ लिखा था। मुख्य आयोजक जिगनेश उपाध्याय का कहना हैं कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से पब्लिक स्कूलों में सब अपने धर्म के प्रति अधिक अग्रसर रहेंगे जिससे जातिवाद फैलने का खतरा अधिक हैं, इसलिए इस प्रकार का धार्मिक आयोजन स्कूल परिसर में नहीं होना चाहिए और जिस प्रकार सभी अपने अपने धर्मों को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं उसी प्रकार किसी एक धर्म के प्रार्थना सभाओं पर अनेक प्रकार के विवाद भी खड़े होने की संभावना हैं, जिससे शिक्षा का वातावरण भी दूषित होगा, और आने वाली पीढ़ियां भी एक भ्रमित मार्ग की ओर आगे बढ़ेगी। ब्रैम्पटन मेयर लिंडा जैफरी भी इस मार्च में शामिल हुई, उनके अनुसार वर्तमान समय में देश जातिगत भेदभाव से गुजर रहा हैं, और इस प्रकार के आयोजनों से और अधिक परेशान पैदा हो सकती हैं।
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