कैनेडियन रक्षा मंत्रालय पर की गई कम बढ़ोत्तरी 

पिछले महीने अपनी जर्मनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने माना था कि कैनेडा अपनी सुरक्षा कार्यों के लिए दो प्रतिशत का योगदान नहीं दे पाएगा उन्होंने कहा कि ”नाटो द्वारा बहुत से मुद्दों के मूल्यांकन के पश्चात यह फैसला लिया गया, परन्तु हमें भी अपने सभी पहलुओं पर गौर करना होगा।”
औटवा। नाटो द्वारा जारी नए आंकड़ों के अनुसार लिबरल सरकार अभी अपने रक्षा खर्चों के बढ़ोत्तरी करने में संकोच कर रही हैं। उनके अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में कैनेडा इस वर्ष अपनी सैन्य साधनों में अधिक खर्च नहीं करेगा, जबकि नाटों के उच्च अधिकारी के अनुसार कैनेडा को अपने सैन्य खर्चों में लगभग दो प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी करनी चाहिए। अधिकारी ने आगे कहा कि हमारा उद्देश्य सभी नाटो सदस्य मिलकर साथ चलें तभी दुनिया में शांति बहाल हो सकेगी इसके लिए सैन्य शक्ति बढ़ाने से अधिक निर्भरता आएगी और अन्य देशों पर भी प्रभाव बनाया जा सकेगा, इसके अलावा हमें अपने सभी सहयोगियों की ओर भी ध्यान रखना होगा, इस गठबंधन में तभी बने रहा जा सकेगा जब रक्षा और सुरक्षा में बराबर का निवेश कर सकें। सरकारी घोषणा करते हुए रक्षामंत्री और विदेश मंत्री ने कहा कि अब कैनेडियन सैनिक मार्च 2019 तक वहीं रहेंगे, भरसक जितनी मदद हो सकेगी, करेगें। गौरतलब है कि लगभग 200 सैनिक एडमॉनटन से यूक्रेन में तैनाती के लिए तैयार हैं, बस सभी आगे के मिशन के अंतर्गत आज्ञा की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिसे आगे बढ़ाया गया हैं, लेकिन अभी तक किसी को भी यह नहीं पता कि कितने समय के लिए उनकी तैनाती की जाएगी। 2015 से कैनेडा, ब्रिटेन और संयुक्त राष्ट्र ने अपने प्रशिक्षित सैनिकों को यूक्रेन में तैनात कर रखा हैं। कुछ समय पश्चात रुस ने क्रिमीया को भी इस मिशन में शामिल कर लिया और यूक्रेन के डॉनबस प्रांत में पृथक सैनिकों की मदद प्रारंभ कर दी। ज्ञात हो कि कैनेडियनस सैनिकों ने 2600 यूक्रेनियन सैनिकों को युद्ध स्तर पर तैयार किया हैं, इसमें बम को खत्म करना और चिकित्सा संबंधी जानकारी शामिल था। लेकिन दूसरी ओर कैनेडियन सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि कैनेडा द्वारा सुरक्षा व्यवस्था में किया गया खर्च बहुत हद तक उचित हैं इसे बढ़ाने की अभी कोई आवश्यकता नहीं, इसके प्रभाव के कारण अभी हमारे फ्लाइटर जेटस, हैलीकॉप्टरस और नेवल शिपस भरपूर हैं जिन्हें बढ़ाने की आवश्यकता नहीं, इसके विपरित सैनिकों की सुरक्षा व्यवस्था और साधनों को और अधिक मुहैया करवाया जाएगा, जिसमें सरकार द्वारा और अधिक खर्च किया जाएगा।
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