‘दुआ देते हैं जीने की, दवा करते हैं मरने की’ : नीतीश कुमार
बिहार,बिहार में बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन लगभग टूटने के कगार पर पहुंच चुका है. शुक्रवार को जेडीयू ने भाजपा से अलग होने के साफ़ संकेत दिए.नीतीश कुमार ने आज शाम अपने आवास पर अपने खास मंत्रियों की एक बैठक बुलाई थी. माना जा रहा है की यह बैठक 15-16 जून को होने वाली पार्टी बैठक की तैयारी करने के लिए बुलाई गई थी.
पार्टी का मानना है कि उनके और भाजपा के बीच दूरियां लगातार बढ़ रही हैं. गोवा में भाजपा की हालिया राष्ट्रीय कारिणी में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले आम चुनावों के लिए पार्टी की प्रचार समिति का प्रमुख बनाए जाने के बाद से दोनों दलों के बीच दूरियां बढ़ रही हैं. जेडीयू ने कहा कि दोनों दलों के बीच कई समस्याएं हैं और उनका समाधान अब बेहद ‘मुश्किल’ हो गया है. अब तो पार्टी के वरिष्ठ नेता भी खुलकर इस बात को स्वीकार कर रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘सेवा यात्रा’ के बाद शुक्रवार को पटना लौटने पर पत्रकारों से कहा, “परिस्थितियां ऐसी हो गईं हैं कि गठबंधन बनाए रखना अब मुश्किल है.”
नीतीश ने भाजपा पर तंज़ कसते हुए शायराना अंदाज़ में कहा, “दुआ देते हैं जीने की, दवा करते हैं मरने की. दुश्वारी का सबब है ये. समस्या की दरअसल जड़ यही है.”नीतीश का जवाब देते हुए भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष मंगल पांडे ने कहा, “हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता.”जब नीतीश कुमार से पूछा गया कि क्या जेडीयू और भाजपा के बीच 17 सालों से चले आ रहे गठबंधन का अब अंत हो जाएगा, इस पर उन्होंने जवाब दिया कि हालात गंभीर हैं और इन हालात में क्या किया जाना चाहिए, इस पर सभी से विचार विमर्श हो रहा है.
हालाकि पार्टी अध्यक्ष शरद यादव ने सुलह की आशा नहीं छोड़ी है, लेकिन अटकलें लग रही हैं कि अब स्थिति ऐसी है कि वहां से वापसी संभव नहीं.पार्टी सांसद और प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने भाजपा पर नरेंद्र मोदी को आगे बढ़ाकर एनडीए गठबंधन से अलग होने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया.तिवारी का कहना था, ”भाजपा चाहती है कि गठबंधन तोड़ने का आरोप जेडीयू पर लगे लेकिन सच्चाई कुछ और है. हमने अपनी स्थिति बहुत पहले ही स्पष्ट कर दी थी. मोदी के बारे में हमारी राय सबको पता है. हमने मोदी को कभी प्रचार के लिए बिहार आने तक नहीं दिया.”
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