जी20 सम्मेलन में दुर्व्यवहार करने वाले दो पुलिसकर्मियों को सजा में मिली छूट

ओंटेरियो सिविलीयन पुलिस आयुक्त के अनुसार उनकी जांच में पाया गया कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा उस समय सार्वजनिक गिरफ्तारी गैर कानूनी थी, जबकि एक कॉन्सटेबल द्वारा प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए डंडे बरसाना भी गैर कानूनी था।

टोंरटो। सात वर्ष पहले टोरंटो में आयोजित जी20 सम्मेलन में हुई घटना के पश्चात जांच में दो पुलिसकर्मियों पर अवमानना का केस चलाया जाएगा, गहन जांच में यह पाया गया कि उनके द्वारा किया काम गैर कानूनी था, और यह प्रतिक्रिया भीड़ को रोकने के लिए नहीं बल्कि अपना गुस्सा शांत करने के लिए की गई। उस समय ओंटेरियो सिविलीयन पुलिस आयुक्त द्वारा अनुशासनात्क कार्यवाही की अवहेलना करने पर जुर्माना भी लगाया गया, क्योंकि वरिष्ठ अधिकारी द्वारा गलत रुप से सार्वजनिक गिरफ्तारियां की गई और दूसरी ओर कॉन्सटेबल द्वारा प्रदर्शनकारियों पर डंडे बरसाएं गएं जोकि मानवीय अधिकारों की अवहेलना हैं, जिसे कैनेडियन कानून कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगा। नवम्बर 2015 से चल रही इस कानूनी कार्यवाही के दौरान यह कहा गया कि पुलिस द्वारा इस प्रकार की मॉनोपोली नहीं चलाई जा सकती, पुलिस अधिकारियों को नागरिकों की सुरक्षा के लिए नियुक्त किया जाता हैं कि न कि उन पर अत्याचार के लिए, अपनी ड्यूटी के दौरान किए इस दुव्यर्वहार के लिए अधिकारियों ने क्षमा याचना की अपील भी की हैं, जिसे भी ध्यान रखा गया हैं और उन पर जुर्माने में छूट देने का प्रावधान भी रखा गया हैं।  इस केस की सुनवाई करने वाले जज एन्डालिब-गूरटानी इस अपराध के लिए 45 दिन की जेल की सजा सुनाई, परन्तु अपील पर ध्यान रखते हुए इसे सजा में छूट का भी निर्णय दिया गया। इस केस की अगली सुनवाई आगामी 4 अप्रैल को होगी। फैनटन नामक कॉन्सटेबल जो 28 वर्षीय अधिकारी था, उसके पुरानें दोष के लिए एक माह का वेतन हर्जाने के तौर पर भरना होगा। उनके द्वारा किए कार्यों से किसी को भी शारिरीक हानि नहीं पहुंचने के कारण उन्हें कठोर कारावास की सजा नहीं सुनाई गई।
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