वीन की घटती लोकप्रियता से लिबरल के पूर्व मंत्री चिंतित
टोरंटो। प्रीमियर कैथलीन वीन द्वारा अपनी प्रसिद्धी में आ रही कमी चिंता का कारण बनती जा रही हैं, जिसके लिए पूर्व वित्तमंत्री ग्रेग सोरबारा ने लिबरलस को चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी चुनावों में भी वीन पर भरोसा करना पार्टी के लिए खतरनाक हो सकता हैं, इसके लिए पार्टी को किसी नए चेहरे की तलाश प्रारंभ कर देनी चाहिए। वहीं दूसरी ओर वीन ने पत्रकारों को बताया कि लिबरल पार्टी में अभी किसी भी प्रकार के बदलाव की कोई खबर नहीं हैं और न ही प्रधानमंत्री ट्रुडो और अन्य वरिष्ठ नेताओं द्वारा इस प्रकार की कोई राय कायम हो रही हैं, जिसकी जानकारी आप लोगों को दी जाएं, उन्होंने आगे कहा कि पार्टी को अभी भी उन पर विश्वास हैं, और वह इस विश्वास को धूमिल नहीं होने देगी, जनता आगामी गर्मियों में हाइड्रो कटौती के पश्चात अपना निर्णय बदलेगी और पुन: वीन अपनी ख्याति प्राप्त करेगी। उन्होंने आगे कहा कि बिजली बचत लोगों के लिए बहुत बड़ी राहत साबित होगी, जिसका लाभ जनता व सरकार दोनों को होगा, अब सभी उसी समय का इंतजार कर रहे हैं। प्रीमियर ने आगे कहा कि हमने 2014 में ओंटेरियों वासियों से जो वादे किएं थे, वे पूरे किए हैं जिसके लिए जनता उन्हें सदा याद करेगी, उन्होंने दृढ़ विश्वास से कहा कि मैं अपना काम सुचारु रुप से कर रही हूं और भविष्य में भी करती रहूंगी। ज्ञात हो कि प्रीमियर कैथलीन वीन ने अपने पूर्व संबोधन में कहा था कि वह जल्द ही बिजली कटौती की योजनाओं को साकार रुप देगी, जिसके लिए उन्होंने अपनी पहली योजना को 1 जनवरी से कार्यन्वित कर दी हैं। उन्होंने आगे कहा कि इसी श्रृंखला में वास्तव में समय का उपयोग करते हुए हम वास्तव में अपनी बचत द्वारा पैसा बचाना होगा। न कि पैसे का अर्जन किसी प्रकार की दरों में बढ़ोत्तरी करके किया जा सकता हैं। जिसके कारण प्रीमियर कैथलीन वीन की साख दावं पर लगी हुई हैं, जिसके कारण वह बहुत अधिक परेशानी में पड़ सकती हैं। वीन ने आगे कहा कि हमने यह देखा कि अनेक प्रांतों में बिजली दर पिछले कुछ वर्षों में बहुत अधिक बढ़ी हैं, जिस पर नियंत्रण पाना बहुत अधिक आवश्यक हैं। इस प्रकार के तेज रफ्तार वृद्धि को तुरंत रोकना होगा अन्यथा देश कभी भी गरीबी से बाहर नहीं आ सकेगा। उन्होंने आगे कहा कि मेरा कार्य ऐसा है कि इसमें सभी लोग अपनी अपनी राय देते हैं कुछ लोग इस कार्य से प्रसन्न होते हैं जबकि कुछ अन्य इससे नाराज, यह तो सबकी अपनी सोच व नजरिया हैं जिसे वह शब्दों में व्यक्त करते हैं, परन्तु हर किसी की बात तो नहीं मानी जा सकती, इस प्रकार की कार्य प्रणाली से न तो कोई कंपनी चल पाती हैं और न ही कोई देश।
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