100 सालों में इंसान छोड़ दे धरती नहीं तो जिंदा रहना मुश्किल : हॉकिंग
जलवायु में तेजी से हो रहे परिवर्तन को लेकर महान भौतिकविद् स्टीफन हॉकिंग ने मानव जाति को एक बार फिर चेताया है। उनका कहना है कि जलवायु परिवर्तन, बढ़ती आबादी और उल्का पिंडों के टकराव को देखते हुए खुद को बचाए रखने के लिए मनुष्य को दूसरी धरती खोज लेनी चाहिए। 100 साल बाद पृथ्वी पर मानव का बचे रहना मुश्किल होगा। बीबीसी की डॉक्यूमेंटरी एक्पेडिशन न्यू अर्थ में हॉकिंग और उनके छात्र रहे क्रिस्टोफ गलफर्ड इस बात की पड़ताल करते नजर आएंगे कि मनुष्य बाहरी दुनिया में कैसे रह सकते हैं। इसी डॉक्यूमेंटरी में हॉकिंग ने दावा किया है कि धरती पर रहने का वक्त खत्म हो रहा है। बचे रहने के लिए मानव जाति को किसी दूसरे ग्रह पर व्यवस्था तलाशनी होगी। यह डॉक्यूमेंटरी बीबीसी के विज्ञान आधारित शो टूमारोज वर्ल्ड का हिस्सा है। द टेलीग्राफ के मुताबिक, शो में लोगों से ब्रिटेन के महान अविष्कारों के बारे में पूछा जाएगा। इसमें लोगों से यह पूछा जाएगा कि किस अविष्कार ने उनके जीवन को सर्वाधिक प्रभावित किया। हॉकिंग ने पिछले महीने भी चेताया था कि तकनीकी विकास के साथ मिलकर मनुष्य की आक्रामक प्रवृत्ति घातक हो सकती है। यह प्रवृत्ति परमाणु या जैव युद्ध के जरिये सब कुछ नष्ट होने का कारण बन सकती है। उनका कहना था कि ऐसी आशंकाओं से बचने के लिए वैश्विक सरकार की आवश्यकता होगी। हॉकिंग का मानना है कि मनुष्य बतौर प्रजाति जीवित रहने की योग्यता खो सकता है।
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