जगमीत सिंह ने रखी अपनी विचार
ब्रैम्पटन, ओंटेरियो। गत सोमवार को जगमीत सिंह ने केंद्रीय नेतृत्व के लिए बोली का विमोचन कर दिया। अपने संबोधन में उन्होंने समानता और सामाजिक न्याय को मुख्य उद्देश्य रखा, जिसके आधार पर उन्हें इस कार्य में सफलता मिलने की पूरी संभावना जताई जा रही हैं, यदि सिंह अपने प्रचार में सफल रहे तो वह कैनेडा के पहले ऐसे सिख होंगे जिन्होंने देश के सर्वोच्च पद पर कब्जा किया हो। वह पार्टी में ही एक गैर-कैनेडियन होकर चुने जाने पर स्वयं को सौभाग्यशाली मानेंगे, ऐसा उन्होंने अपने पहले संबोधन में कहा, कि वह केवल इसलिए नहीं चुने जाएं कि उनकी चमड़ी और बाल यहां के लोगों से अलग हैं, यह कोई मानवता नहीं होगी और उनके विचार से लोग समझदार हैं, और योग्य व्यक्ति को चुनेंगे, चाहे वह किसी भी धर्म, प्रजाति या समुदाय का क्यों न हो, बस उसमें प्रशासन की काबलियत होनी चाहिए। गौरतलब हैं कि जगमीत सिंह को सन् 2015 में उप ओंटेरियो एनडीपी का नेता चुना गया था, उसी सफलता को आगे बढ़ाते हुए अब उन्होंने केन्द्रीय नेतृत्व के लिए कदम आगे बढ़ाया हैं, अपने संबोधन के पश्चात उन्होंने कहा कि मैं कतई भी डरकर इस्तीफा नहीं दूंगा, मेरा पूरे दिन का कार्यक्रम बहुत ही व्यस्त रहता हैं, फिर भी मैं अपने परिजनों से मिलने का समय निकाल ही लेता हूं, क्योंकि उनकी ऊर्जा से मुझे एक नई शक्ति प्रदान होती हैं, 1 जून से प्रारंभ होने वाले ग्रीष्म कालीन सत्र के दौरान भी उन्हें अपने किए कार्यों पर पूर्ण भरोसा हैं, जिसके परिणाम पर उन्हें इस नामांकन के लिए चुना जाएगा। गत दिनों ब्रैम्पटन, ओंटेरियो स्थित बॉम्बे पैलेस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सिंह ने अपने समर्थकों के साथ प्रांतीय पार्टी के उप नेताओं को अपनी ओर करने के लिए तैयारियां आरंभ कर दी हैं। इनके समर्थकों में मानीटोबा के विधानसभा सदस्य नहानी फॉन्टेन, पार्टी युवा विंग के उपायध्यक्ष चातुर, क्यूबेक संस्थापक और पूर्व प्रवक्ता जैक लैटॉन और पील स्कूल बोर्ड ट्रस्टी हरकीरत सिंह आदि शामिल हैं। इन लोगों की उपस्थिति सिंह की सफलता को और अधिक पक्का कर रहे हैं। यदि सिंह अपने मिशन में सफल रहते हैं तो वह पहले सिख होगें जो कैनेडा के सर्वोच्च पद पर आसीन होंगे। बैलान्गर ने कहा कि इस समय माहौल बदलाव का चल रहा हैं, बदलते दौर में जनता सदैव ही नवीनतम चयन को चुनती हैं, जिससे उन्हें व देश को नए विकास के साथ नई सोच को भी समझने का मौका मिलें।
Comments are closed.