एन्ड्रू स्चीर राजनैतिक इतिहास बनाने में कोई नया नाम नहीं
टोरंटो। एन्ड्रू स्चीर राजनैतिक इतिहास बनाने में कोई नया नाम नहीं हैं, पहले भी इनके नाम कई ऐसे रिकॉर्ड बन चुके हैं जो देश के राजनैतिक इतिहास में कभी नहीं हुए थे, लोगों को उम्मीद नहीं होने पर भी वह कार्य सिद्ध हो जाते थे, 2004 में स्चीर पहली बार केंद्रीय राजनीति में आएं जब भी इन्होंने एनडीपी उम्मीदवार को उनके अपने ही क्षेत्र में भारी अंतराल से हराया, और वह हाऊस ऑफ कॉमनस में पहली बार एक सांसद के रुप में आएं। सात वर्ष पश्चात जब कंजरवेटिव की सरकार बनी तो स्चीर को प्रवक्ता के रुप में नियुक्त किया गया जब उनकी आयु केवल 32 वर्ष की थी, हाऊस ऑफ कॉमनस में वह सबसे कम उम्र के प्रवक्ता बने जो अपने आप में एक रिकॉर्ड हैं। 2015 में भी कंजरवेटिव पार्टी का प्रमुख विपक्षी दल के रुप में उन्होंने समय समय पर उचित नेतृत्व करके अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जबकि इसके लिए उन्हें विरोध भी सहना पड़ा, क्योंकि उन्होंने ही स्टीफन हार्पर को पदमुक्त करने की बात उठाई थी। जिसके कारण पार्टी के अन्य प्रमुख नेता इसके विरोध में उतरे परन्तु समझाने पर और भविष्य को देखते हुए वह अंत में इनके साथ हो गए। कंजरवेटिव नेतृत्व में उनके साथ प्रतिद्वंदी रहे दिग्गजों से भी उन्होंने बराबर की टक्कर ली। जहां एक और लोगों को उम्मीद थी कि बरनीयर ही इस पद के लिए चुने जाएंगे वही दूसरी ओर स्चीर ने यह पद जीत कर सभी को अचरज में डाल दिया। सासकेटचेवान की प्रीमियर सेन. डेनाईज बैटरस ने कहा कि स्चीर कंजरवेटिव के लिए एक बहुत अच्छा चयन हैं और केवल 38 वर्ष की आयु में इतने बड़े पद पर आसीन होना एक बहुत बड़ी बात हैं, कंजरवेटिव पार्टी को इससे बेहतर नेता मिलना मुश्किल था जो आज के समय में प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो की टक्कर का नेता हैं और हर प्रकार से उसे आगामी चुनावों में टक्कर दे सकता हैं।
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