अमरनाथ यात्रा पर आतंकियों के मंसूबों पर पानी डालेंगे भारतीय जवान
श्रीनगर । आगामी 28 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा को लेकर भगवान शिव के भक्त जहां बाबा बर्फानी के दरबार पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं आतंकी संगठन इसमें खलल डालने के मंसूबे पाल रहे हैं। हालांकि, केंद्र व जम्मू-कश्मीर सरकार ने आतंकियों से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है।
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बुधवार को दिल्ली में कहा, खुफिया एजेंसियों से सूचनाएं मिली हैं कि आतंकी यात्रा में खलल डालना चाहते हैं, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर सरकार ने पूरे यात्रा मार्ग को संवेदनशील घोषित करते हुए सुरक्षा एजेंसियों से कहा है कि ऐसे तत्वों की हर साजिश नाकाम करें। यात्रियों की सुरक्षा के लिए बुधवार को सेना ने कमान अपने हाथ में ले ली है। यात्र मार्ग और पवित्र गुफा के आसपास निगरानी चौकियां बना दी गई हैं। बीएसएफ के जवानों को आधार शिविर पहलगाम और बाल्टाल से लेकर पूरे यात्र मार्ग पर तैनात कर दिया है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा के दौरान और आधार शिविरों की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ संभाल रही है। श्रद्घालुओं के जत्थे की सुरक्षा भी सीआरपीएफ के पास ही रहेगी। बीएसएफ की 25 और सीआरपीएफ की 26 कंपनियां सुरक्षा प्रबंधों में जुट गई हैं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को उच अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा एजेंसियों से कहा, समन्वय बनाकर शरारती तत्वों की हर साजिश नाकाम करें। बैठक में उप मुख्यमंत्री तारा चंद, गृहराय मंत्री सजाद अहमद किचलू, सेना की उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल केटी परनायक मौजूद थे। सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों को जारी सकरुलर में कहा, कश्मीर व देश के अन्य हिस्सों में विधि व्यवस्था का संकट पैदा करने के लिए आतंकी यात्रा में खलल डाल सकते हैं। यात्र मार्ग, शिविरों से लेकर पवित्र गुफा तक हवाई जहाज से निगरानी की जाए। आधार शिविरों, गुफा के आसपास व अन्य संवेदनशील जगहों पर संदिग्ध व अवांछित तत्वों की पहचान करें। यथासंभव क्लोज सर्किट कैमरे लगाएं । पुलिस यात्र मार्ग पर बिना परमिट यात्रियों को नहीं जाने दे।
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