अफगानिस्तान में संचालित आंतरिक लड़ाकू विमान पड़ सकता है मुश्किल में : लिबरलस
औटवा। ट्रुडो सरकार ने सेना के ऊपर अपनी दीर्घ कालीन योजना की घोषणा पिछले हफ्ते कर दी हैं, जिसके अंतर्गत लिबरलस ने सैन्य प्राथमिकताओं को देखते हुए कार्य करने को तवज्जो दी हैं। इसमें सरकार के सामने दो चुनौतियां सबसे अधिक बड़ी परेशानी बन सकती हैं पहली कि आंतरिक लड़ाकू विमानों की खरीद पर और दूसरा अफगानिस्तान में होने वाली कार्यवाही का? इन प्रशनों का अभी सरकार के पास कोई सटीक उत्तर नहीं हैं। गौरतलब हैं कि अभी हाल ही में अमेरिका रक्षा मंत्रालय द्वारा आगामी माह में सिंगापुर से एफ-35 स्ट्रेथ फाईटर लिया जाएगा, जिसकी सूचना स्वयं रक्षामंत्री सज्जन ने प्रशनकाल के दौरान सरकार को दी। लिबरलस की घोषणा के अनुसार उनके पास लड़ाकू विमानों की कमी के कारण वे 18 ”इंट्रीरिम” सुपर हॉरनेटस बोईंग खरीदेंगे। लेकिन यह डील होती इससे पूर्व ही अमेरिका द्वारा इसमें कई प्रकार की अड़चने पैदा की जा रही हैं, जिससे यह डील होने की संभावना धूमिल हो रही हैं। रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन ने एक बार फिर अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग से 18 फाइटर जेट विमान खरीदने संबंधी सौदा रद्द करने की धमकी दी है, क्योंकि उसने कैनाडा की विमान निर्माता कंपनी बंबार्डियर के खिलाफ अनुचित व्यापार की शिकायत की है। रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन ने कहा कि बंबार्डियर के खिलाफ बोइंग की कार्रवाई निराधार है और यह विश्वसनीय भागीदार का व्यवहार नहीं है। उन्होंने बुधवार को कहा कि सुपर हार्नेट लड़ाकू जेट विमान खरीदने के लिये एक विश्वसनीय कारोबारी भागीदार की जरूरत है। सज्जन ने एक भाषण के दौरान बोइंग से अपनी शिकायत वापस लेने की अपील की। कैनाडा के विदेश मंत्री ने भी यह सौदा रोकने की धमकी दी है। उन्होंने कहा, हमारी सरकार और मैं यह कह रहे हैं कि हम प्रमुख कारोबारी भागीदार के इस कदम से निराश है। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका पहले भी ऐसे कदम उठा चुका हैं जिससे लोगों को भारी निराशा का सामना करना पड़ रहा हैं, अब इसी श्रृंखला में वह अपने पड़ोसियों को तंग करेगा तो इसके परिणाम बुरे हो सकते हैं। जिसका खामियाजा उसे भविष्य में भुगतना पड़ सकता हैं। दूसरा मुख्य मुद्दा अफगानिस्तान का हैं, सरकार द्वारा यहां अपने पुलिस अधिकारी भेज दिये गए हैं, जिससे वे वहां शांति प्रक्रिया बहाल करने में मदद कर सकें। ज्ञात हो कि 2001 से 2014 के मध्य कैनेडा से कई बार इस देश की मदद अपनी सैन्य सहायता करके की हैं, परन्तु इस बार स्थितियां कुछ बदल गई हैं। अफगानिस्तान में छिए लड़ाई के माहौल के कारण कैनेडा पहले से ही अपने 158 सैनिकों को खो चुका हैं, इसके साथ साथ एक डिप्लोमेंटस और एक पत्रकार की हत्या भी वहां हो चुकी हैं। इसके अलावा सुरक्षा साधनों पर भी कैनेडा सरकार अब तक 150 मिलीयन डॉलर खर्च कर चुकी हैं। लेकिन अब और अधिक मदद के लिए विचार कमेटी के फैसले के पश्चात ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
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