भारतीय मूल के ब्रोकर पर ब्रिटेन में जुर्माना
लंदन। ब्रिटेन के वित्तीय क्षेत्र नियामक एफसीए ने मकानों की बिक्री और उन्हें वापस किराये पर देने के सौदों में फर्जीवाड़ा करने पर भारतीय मूल के रीयल स्टेट दलाल पर 10 लाख पौंड [करीब नौ करोड़ रुपये] का जुर्माना लगाया है। किसी व्यक्तिगत ट्रेडर पर ब्रिटेन में लगा यह अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है। फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी [एफसीए] ने एक बयान में कहा है कि बर्मिघम स्थित गुरप्रीत सिंह चड्ढा को ब्रिटेन के वित्तीय सेवा उद्योग में कारोबार करने से भी प्रतिबंधित किया गया है। चड्ढा ब्रिटेन में मकानों को खरीदकर उन्हें विक्रेताओं को वापस किराए पर देने का काम करता था। एफसीए के मुताबिक चड्ढा ने ग्राहकों को मकानों की बिक्री और उन्हें वापस किराये पर लेने से होने वाले व्यक्तिगत लाभ के बारे में जानबूझकर भ्रामक जानकारियों दीं। नियामक ने चड्डा द्वारा जून 2009 से जनवरी 2010 के बीच किए गए बिक्री और रेंटिंग के सौदों की जांच की। नियामक ने इन सभी मामलों में गंभीर गड़बडिय़ां पाई। सेल एंड रेंट बैक सौदा ऐसे समझौते के जरिये किया जाता है जिसके तहत मकान का मालिक अपना मकान बेचकर उसे वापस किराये पर लेता है। एफसीए ने कहा कि वित्तीय मुश्किल से जूझ रहे लोग इस तरह का सौदा करते हैं, ताकि वे अपना कर्ज चुकाने के लिए पैसा जुटा सकें। चड्ढा ने अपने ग्राहकों को यह कहकर बिक्री के लिए तैयार किया कि वह उनके मकान की खरीद करेगा, जबकि वास्तविक खरीदार कोई और थे। इसके अलावा इन सौदों को नियामकीय संरक्षण के दायरे में नहीं लाया गया था। साथ ही चड्ढा ने ग्राहकों से झूठा दावा किया कि मकानों की बिक्री के लिए लगाई गई कीमत स्वतंत्र मूल्यांकन पर आधारित है। गलत कीमत लगाने के अलावा चड्ढा ने ग्राहकों से छुपे शुल्क भी वसूले।
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