उत्तराखंड में राहत कार्यों के लिए सोनिया के नेता दान करेंगे एक महीने का वेतन
नई दिल्ली,कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को पार्टी के सभी सांसदों और विधायकों से कहा कि वह बाढ़ से बुरी तरह तहस-नहस हुए उत्तराखंड में राहत कार्यों के लिए अपना एक महीने का वेतन दान करे क्योंकि अचानक आई बाढ़ से हुई तबाही का मंजर अब खुलकर सामने आ रहा है और मृतकों की संख्या बढ़कर 190 हो गई है.कांग्रेस के संपर्क विभाग के प्रभारी अजय माकन ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सोनिया ने पार्टी के सभी लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों को यह भी निर्देश दिया है कि वे वहां राहत कार्यों के लिए अपनी सांसद स्थानीय विकास निधि से 10.10 लाख रूपये दें. पार्टी के लोकसभा में 203 सदस्य और राज्यसभा में 72 सदस्य हैं.
कांग्रेस ने देहरादून की प्रदेश कांग्रेस समिति में एक नियंत्रण कक्ष बनाया है ताकि राहत कार्य को तेज किया जा सके. पार्टी सचिव संजय कपूर और सेवा दल प्रमुख महेन्द्र जोशी को कार्यों की निगरानी के लिए देहरादून भेजा गया है.माकन ने कहा, ‘प्रदेश कांग्रेस समिति के सभी प्रमुखों से कहा गया है कि वह अपने राज्यों से राहत सामग्री को फौरन उत्तराखंड पहुंचवाए.’ उत्तराखंड के कृषि मंत्री हरक सिंह रावत ने इसे ‘सहस्राब्दि की सबसे भीषण त्रासदी’ करार देते हुए कहा, ‘केदारनाथ इलाके में पूरे आधारभूत ढांचे को जो व्यापक क्षति पहुंची है उसे बहाल करने में हमें कम से कम पांच साल लग जाएंगे. यह जगह सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है.’
योजना एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि उन्होंने बचाव एवं राहत कार्य के लिए अपने दो महीने का वेतन दान दिया है. माकन ने ट्विट कर कहा कि बुधवार को उत्तरखंड का हवाई दौरा कर चुकी सोनिया फिर प्रभावित क्षेत्रों और राहत शिविरों में जाएंगी.उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से कहा है कि बिजली एवं संचार लाइनों को बहाल किया जाये तथा वहां फंसे लोगों को जल्द निकाला जाए.
सोनिया ने मंगलवार को केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों से बात कर दो राज्यों के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए त्वरित एवं समय पर राहत उपाय करने के लिए कहा.केदारनाथ इलाके का दौरा करके लौटे रावत ने कहा कि उन्होंने वहां 5 घंटे बिताए हैं और वह वहां की इमारतों और मंदिर के आसपास हुई क्षति को देख कर दंग रह गए.गौरतलब है कि केदारनाथ और बद्रीनाथ में फंसे हुए 9000 से ज्यादा लोगों के बचाव के लिए 40 हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं.
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