हाईड्रो वन को अमेरिकी कंपनी ने 6.7 बिलीयन डॉलर में खरीदा
टोरंटो। सूत्रों के अनुसार हाईड्रो वन लि. (टीएसएक्स : एच) ने मैत्री रुप से अमेरिकी ऊर्जा कंपनी अवीशता कॉर्प. के साथ 6.7 बिलीयन डॉलर में अपने अधिग्रहण का सौदा पक्का कर लिया हैं। इस खबर के पश्चात टोरंटो की कपंनियों के शेयर में आंशिक उछाल आया और जबकि अवीशता के शेयर न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में 43.33 यूएस डॉलर पर बंद हुए। हाईड्रो वन के सीईओ मायो स्केमीडट ने कहा कि हमें इस बात का गर्व होना चाहिए कि अब कैनेडियनस उत्तरी अमेरिका की कंपनियों के साथ डील कर रहे हैं, वैसे उन्होंने यह भी माना कि हाइड्रो वन की कीमत इससे कहीं अधिक थी, जितनी उन्होंने आंकी वह कम है, परन्तु अमेरिकी कंपनियों के साथ मर्जर में इस प्रकार के सौदे करने पड़ते हैं जो आगे चलकर देश व आर्थिक स्थितियों के लिए बहुत अधिक लाभकारी सिद्ध होंगे। उन्होंने आगे कहा कि अभी हमारे पास इस सौदे के अलावा और कोई उपाय नहीं था, हाइड्रो वन का घाटा बढ़ता जा रहा था, और इस मर्जर के पश्चात रोजगार के साधन बढ़ेगे और सुनिश्चित भी होंगे। इस मर्जर का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि बिजली उपभोक्ताओं पर इसका कोई असर नहीं होगा, बिजली दरें को फिलहाल में छेड़ा नहीं जाएगा। इस डील पर दोनों पक्षों ने सर्वसम्मति से अपना समर्थन दिया हैं। दोनों कंपनियों के बोर्ड ने यह निर्णय लिया हैं कि इसके दूसरे भाग को 2018 तक बंद रखा जाएगा, ऊर्जा मंत्री थीब्यूलट ने कहा कि कंपनी अपने उपभोक्ताओं को लाभ देने पर सदैव अग्रणी रहता हैं, उपभोक्ताओं की संतुष्टि ही हमारा प्रथम उद्देश्य होगा।
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