‘हर्ष पर्वत’ के साथ जुड़ी है भगवान शिव से संबंधित कथा
शेखावाटी के हृदय स्थल सीकर नगर से 16 किमी दूर दक्षिण में हर्ष पर्वत स्थित है जो अरावली पर्वत श्रृंखला का भाग है। यह पौराणिक, ऐतिहासिक, धार्मिक व पुरातत्व की दृष्टि से प्रसिद्ध, सुरम्य एवं रमणीक प्राकृतिक स्थल है। हर्ष पर्वत की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 3100 फीट है जो राजस्थान के सर्वोच्च स्थान आबू पर्वत से कुछ कम है। इस पर्वत का नाम हर्ष एक पौराणिक घटना के कारण पड़ा। उल्लेखनीय है कि दुर्दान्त राक्षसों ने स्वर्ग से इन्द्र व अन्य देवताओं का बाहर निकाल दिया था। भगवान शिव ने इस पर्वत पर इन राक्षसों का संहार किया था। इससे देवताओं में अपार हर्ष हुआ और उन्होंने शंकर की आराधना व स्तुति की। इस प्रकार इस पहाड़ को हर्ष पर्वत एवं भगवान शंकर को हर्षनाथ कहा जाने लगा। एक पौराणिक दन्त कथा के अनुसार हर्ष को जीणमाता का भाई माना गया है।
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