उत्तर कोरिया कैद से छूटे पास्टोर ने चर्च में लोगों को किया संबोधित
मिसिसॉगा। उत्तर कोरिया की कैद से छूटे कैनेडियन पास्टोर ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए अपने संबोधन में कहा कि दो वर्षों की यह कैद उनके जीवन भर के सबसे बुरे दिनों में से एक थी, जिसमें उन्होंने मजदूरी का काम भी किया, जिसे वह कभी नहीं भुला सकते। हायन सू लिम ने अपनी व्याख्या में बताया इतनी अधिक मजदूरी करने से उनके स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ा हैं। उत्तर कोरिया सरकार द्वारा उन्हें ”सिक बेल” पर छोड़ा गया। वहां की मिट्टी बहुुत अधिक कठोर हैं, जिसे तोड़ने में पूरे दो दिन लगे, ये सब हमारे लिए बहुत अधिक कठिन कार्य हैं। इतना कठोर श्रम कार्य मेरे स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं था, जिस कारण से मेरे स्वास्थ्य में इतनी अधिक गिरावट आई, यह कहना कठिन होगा कि उनका पूरी कार्य प्रणाली अनुचित थी, क्योंकि पूरे दो महिने के कठिन परिश्रम के पश्चात जब मेरे स्वास्थ्य में बहुत अधिक समस्या हो गई तब मुझे अस्पताल ले जाया गया। जहां मेरे स्वास्थ्य का ध्यान रखा गया और मुझे कैद से छूटवाने के लिए सिक बैल के लिए प्रार्थना की गई। लिम ने आगे कहा कि इस कारण से मुझे मिसिसॉगा लाया गया, जहां आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हैं, अब मेरे स्वास्थ्य में भी पहले की तुलना में बहुत राहत हैं। लिम के संबोधन में इतनी अधिक भीड़ थी, कि कई लोगों को बैठने का स्थान तक नहीं मिल पाया था।
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