गोगामेड़ी मंदिर में हिंदू, मुस्लिम पुजारी एक साथ करवाते हैं पूजा
राष्ट्रीय एकता व सांप्रदायिक सद़्भावना के प्रतीक गोगाजी राजस्थान के लोक देवता हैं। गोगाजी को जहरवीर गोगा जी के नाम से भी जाना जाता है। इन्हें हिन्दु और मुस्लिम दोनो पूजते हैं। राजस्थान में हनुमानगढ़ जिले के गोगामेड़ी गांव में गोगाजी की समाधि स्थल पर प्रतिवर्ष भाद्रप्रद मास के शुक्लपक्ष में मेला भरता है जो लाखों भक्तों के आकर्षण का केंद्र है। यह मेला पूरे जोर-शोर से एक माह तक चलता रहता है। गोगामेड़ी स्थित गोगाजी का समाधि स्थल साम्प्रदायिक सद्भाव का अनूठा प्रतीक है, जहां एक हिन्दू व एक मुस्लिम पुजारी खड़े रहते हैं। श्रावण शुक्ल पूर्णिमा से लेकर भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा तक गोगा मेड़ी के मेले में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आकर वीर गोगाजी की समाधि तथा गोगा पीर व जाहिर वीर के जयकारों के साथ गोगाजी तथा गुरु गोरक्षनाथ के प्रति भक्ति की अविरल धारा बहाते हैं। भक्तजन गुरु गोरक्षनाथ के टीले पर जाकर शीश नवाते हैं, फिर गोगाजी की समाधि पर आकर धोक देते हैं। प्रतिवर्ष लाखों लोग गोगा जी के मंदिर में मत्था टेक तथा छड़ियों की विशेष पूजा करते हैं।
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