1.25 मिलीयन डॉलर के स्टाफ फंड घोटाले की जांच प्रारंभ
काउन्सिल की शिकायत पर पील के फ्रॉड ब्यूरों द्वारा जांच आरंभ की गई
ब्रैम्पटन। ब्रैम्पटन स्टाफ फंड के नाम पर हुए भारी घोटाले की जांच आरंभ हो गई, काउन्सिल द्वारा शिकायत की गई कि गैर-यूनियन कर्मचारियों को उनकी जानकारी के बिना हजारों डॉलर दे दिए गए, इसमें उन्हें एतराज हैं। पील पुलिस अधिकारी जोसऊवा कौली ने कहा कि पुलिस फ्रॉड ब्यूरो द्वारा शिकायत का जल्द ही निपटारा कर लिया जाएगा, लेकिन अभी हम इस बारे में कोई भी जानकारी देने के पक्ष में नहीं क्योंकि अधूरी जानकारी और अधिक विवाद नहीं उठा दें। ज्ञात हो कि बोनस कार्यक्रम द्वारा गुप्त रुप से 1.25 मिलीयन डॉलर बांट दिए गए जिसे ‘फैवरीज्म’ का नाम दिया गया, इसे उन कर्मचारियों को दिया गया जो 2009 में अपना कार्य छोड़ गए थे। ओपीआर के आंतरिक अंकेक्षण के बात पता चले इस घोटाले के बाद ब्रैम्पटन काउन्सिल सतर्क हो गई और इस घोटाले के दोषियों को सजा देने के लिए उन्होंने यह जांच के आदेश पारित किए, प्रांतीय काउन्सिल द्वारा गत जून में एक मतदान द्वारा इसकी जांच के आदेश पारित किए गए, और कहा गया कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले, स्थानीय पुलिस को पूर्ण विश्वास हैं कि उन्हें इस मिशन में अवश्य ही कामयाबी मिलेगी। ओपीआर कार्यक्रम के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सबसे पहले उन अधिकारियों से पूछताछ होगी जिनके नाम पर यह फंड जारी किया गया और जिन्हें इनका लाभ दिया गया। जनवरी 2009 और मई 2014 के मध्य हुए इस घोटाले की दर प्रतिदर जांच होने की संभावना जताई जा रही हैं उसके पश्चात ही कोई निर्णय लिया जाएगा। इसमें खास बात यह हैं कि केवल आठ अधिकारियों को बोनस के रुप में 316,000 डॉलर दिए जाने का प्रावधान कैसे पारित हुआ।
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