जगमीत सिंह नकाब मुद्दे पर विपक्षियों से करेगें चर्चा
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मिसिसॉगा। एनडीपी नेतृत्व की दौड़ में शामिल नेताओं ने फ्रैंच डिबेट में भाग लिया, जिसमें जगमीत सिंह अपने दो प्रतिद्वंदियों के उस बात से नाराजगी जताई हैं जिसमें उन्होंने बुरका को सार्वजनिक स्थानों पर पहनने से प्रतिबंद्धित करने को जोर दिया हैं, उनका मानना हैं कि यह मुद्दा मुस्लिम महिलाओं को अपनी इच्छा से लेना चाहिए कि उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर अपना फेस ढककर चलना हैं या नहीं। सिंह ने स्पष्ट किया कि निसंदेह वह क्यूबेक के बिल 62 के विरोध में मत देंगे, जिसमें इसे प्रतिबंधित करने पर जोर किया हैं। उन्होंने आगे कहा कि कैनेडा की संस्कृति में सभी धर्मों को अपनी आजादी से जीने का पूरा हक प्रदान हैं, फिर इस प्रकार का प्रतिबंध कुछ अजीब लगता हैं यह प्रतिबंध कैनेडियन स्वतंत्रता के अधिकार पर एक प्रशनचिन्ह लगा देगा। वहीं दूसरी ओर क्यूबेक सांसद गय कैरॉन और मानीटोबा की नीकी आशटन इस बात से बिल्कुल विपरीत सोच रख रहे हैं, उन्होंने इसे मानवीय अधिकार की अयोग्य सोच का नाम दिया हैं, जिसमें महिलाओं की स्वतंत्रता पर प्रशन उठाया हैं और बुरका नीति से उनके अधिकारों का हनन बताया हैं। कैरॉन क्यूबेक से अकेले प्रतिद्वंदी हैं जो इस नेतृत्व की दौड़ में शामिल हुए हैं, उनके अनुसार यह नीति क्यूबेक 2019 में विमोचित हो जिससे सुरक्षा को बढ़ावा मिल सके और बुरका नीति का कोई भी गलत उपयोग न कर सके। मानीटोबा के सांसद आशटन ने भी इस बात पर अपनी सहमति जताते हुए कहा कि क्यूबेक की सुरक्षा के लिए कैनेडियन सरकार को इस पर शीघ्र ही फैसला लेना चाहिए, उन्होंने आगे कहा कि यह नीति एक प्रकार से मानवीय अधिकारों का हनन भी हैं, जिसके लिए हमें पुरजोर कोशिश करनी चाहिए।
जगमीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि बुरका पर प्रतिबंध लगाने का पुरजोर विरोध तो मलकेयर ने भी अपने समय में किया था, उनके अनुसार जिस प्रकार धार्मिक अवसरों पर धार्मिक पोशाक पहनने में कोई एतराज नहीं होता, उसी प्रकार बुरका भी मुस्लिम महिलाओं का एक सम्मान सूचक हैं जिस पर प्रतिबंध उचित नहीं। उन्होंने आगे कहा कि यह सब चुनावी आंडबर हैं जिस पर सरकार को विचार करते हुए उचित फैसला लेना होगा।
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