पाकिस्तान में हिंसा भड़की, हालात बिगड़ते देख सेना बुलायी गयी
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में राजधानी इस्लामाबाद की ओर जाने वाले एक प्रमुख राजमार्ग की घेराबंदी कर रहे कट्टरपंथी धार्मिक समूहों के प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिये सरकार की ओर से की गई कार्रवाई के बाद आज झड़पें शुरू हो गईं, जिसमें 200 से अधिक अन्य लोग घायल हो गये। इसके बाद हालात बिगड़ते देख पाकिस्तान सरकार ने सेना बुला ली है। गृह मंत्रालय ने इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने में नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सेना की तैनाती के लिए सांविधिक नियामक आदेश (एसआरओ) जारी किया है।
मंत्रालय ने कहा कि इस्लामाबाद में शांति कायम करने के वास्ते अनिश्चित काल के लिए सेना की तैनाती की जाएगी। संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत स्थिति नियंत्रण में करने को लेकर सेना की तैनाती की गयी है। सुरक्षा स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच दूरभाष पर हुई बातचीत के बाद यह घटनाक्रम देखने को मिला है। सरकार ने बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए सभी निजी टेलीविजन चैनलों के साथ ही फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया साइट पर भी रोक लगा दी।
पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों का तहरीक-ए-खत्म-ए-नबूव्वत, तहरीक-ए-लबैक या रसूल अल्लाह (टीएलवाईआर) और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान (एसटी) के प्रदर्शनकारियों के साथ संघर्ष हुआ। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी और नेताओं के घरों पर हमले किये।प्रदर्शनकारियों ने कानून मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे की मांग को लेकर दो सप्ताह से अधिक समय से राजधानी इस्लामाबाद जाने वाले मुख्य राजमार्गों को बाधित कर रखा है।
प्रदर्शनकारी सितंबर में चुनाव कानून 2017 में खत्म-ए-नबूवत के उल्लेख से संबंधित पारित बदलाव को लेकर कानून मंत्री जाहिद हमीद के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। सरकार ने कानून में संशोधन करके मूल शपथ को बहाल कर दिया है लेकिन कट्टरपंथी मौलवी ने मंत्री को हटाये जाने तक हटने से इनकार कर दिया है। इस घेराबंदी से पांच लाख से अधिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा जो इस्लामाबाद और रावलपिंडी के बीच प्रतिदिन सफर करते हैं। सरकार बल प्रयोग नहीं करना चाहती थी लेकिन इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने कल पाकिस्तान के गृहमंत्री अहसन इकबाल के खिलाफ अदालत की अवमानना का नोटिस जारी कर दिया। यह नोटिस सड़क खाली कराने से संबंधित अदालत के आदेश को लागू करने में नाकाम रहने के बाद जारी किया गया था।
इस्लामाबाद सिटी मजिस्ट्रेट ने कल प्रदर्शनकारियों को आधी रात तक वहां से हटने या नतीजा भुगतने की चेतावनी जारी की थी। इस्लामाबाद को रावलपिंडी और राजधानी के अंतरराष्ट्रीय हवाई को जोड़ने वाले फैजाबाद इंटरचेंज को प्रदर्शनकारियों से खाली कराने के लिए 8,000 से अधिक पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के कर्मियों ने कार्रवाई शुरू की। सुबह में ऐसा लगा कि पुलिस सड़कों को खाली करा लेगी लेकिन दोपहर में प्रदर्शनकारी फिर से एकत्रित हो गए और इंटरचेंज पुल पर फिर से काबिज हो गए। इसके बाद अधिकारी अभियान को अस्थायी रूप से रोकने के लिए बाध्य हुए। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव भी किया जिसके जवाब में उन्होंने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं जिसमें कम से कम 95 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। इन सभी घायलों को इस्लामाबाद और रावलपिंडी के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। खबरों के अनुसार सिर में चोट लगने से कम से कम एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई लेकिन सरकार ने मौत की अभी तक पुष्टि नहीं की है। निजी मीडिया के मुताबिक झड़प में दो प्रदर्शनकारी भी मारे गए लेकिन स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। टेलीविजन फुटेज में पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़ते और बल प्रयोग करते दिख रहे हैं। कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करके विभिन्न पुलिस थानों में भेज दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने कुछ वाहनों में आग लगा दी और पुलिसकर्मियों और अन्य सुरक्षाकर्मियों की पिटायी की।
पाकिस्तान इलेक्ट्रानिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी ने मीडिया हाउस को सीधा प्रसारण रोकने और जियो टीवी सहित कई चैनलों पर रोक का आदेश दिया। हिंसक प्रदर्शनकारियों ने कराची और लाहौर सहित कई अन्य शहरों में हिंसक प्रदर्शन किया। स्थानीय पुलिस के अनुसार कराची में कम से कम 28 लोग घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने कानून मंत्री जाहिद हामिद के पंजाब के सियालकोट जिले के पसरूर क्षेत्र स्थित मकान पर हमला किया लेकिन कोई भी घायल नहीं हुआ क्योंकि मंत्री और उनके परिवार के सदस्य भीतर मौजूद नहीं थे। कानून एवं व्यवस्था की स्थिति के बीच गृह मंत्री एहसन इकबाल ने इसमें भारत का हाथ होने का आरोप लगाया और कहा कि प्रदर्शनकारियों ने ‘‘भारत से सम्पर्क’’ किया और सरकार इसकी जांच कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने ऐसा :भारत से सम्पर्क: क्यों किया, हम इसकी जांच कर रहे हैं। उनके पास अंदरूनी सूचना और संसाधन हैं जिसका इस्तेमाल सरकार के खिलाफ किया जा रहा है’’ इकबाल ने कहा कि सरकार प्रदर्शनकारियों को हटाने के अदालत के आदेश को लागू कर रही है।
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