रिमशा के परिवार ने छोडा पाकिस्तान, कैनेडा में ली शरण
ओटावा- पाकिस्तान में ईश निंदा के आरोप में अदालत से बाइजत बरी होने के बाद ईसाई लडकी रिमशा मसीह और उसका परिवार देश छोडकर कैनेडा चला गया है। उसके परिवार को अदालत से बाइजत बरी होने के बाद से ही लगातार धमकियां मिल रही थीं। रिमशा के परिवार को डर था कि यहां रहने पर कहीं उनकी हत्या न कर दी जाए। उन लोगों ने इस्लामाबाद स्थित विदेशी मिशन से संपर्क किया और ईसाई होने के नाते उन्हें आसानी से कैनेडा में न सिर्फ शरण मिल गई, बल्कि कैनेडा ने रिमशा समेत उसके परिवार के सभी सदस्यों को नागरिकता भी दे दी। गौरतलब है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में असुरक्षा की भावना बहुत यादा है।
हालांकि पाकिस्तान में नई सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के हितों की रक्षा के तमाम दावे किए थे लेकिन सरकार बनने के कुछ ही हफ्तों के भीतर इस तरह की घटना उन दावों पर सवाल खडा करती है। बताया जाता है कि रिमशा के परिवार वाले पिछले काफी समय से गुपचुप तरीके से देश छोडने की योजना बना रहे थे और इस पूरे अभियान को काफी गोपनीय रखा गया था। पाकिस्तान में दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी काफी असुरक्षित महसूस करते हैं। इसका उदाहरण हिन्दू समुदाय के लोग हैं, जो देश छोडकर भारत चले जाना चाहते हैं। पाकिस्तान में ईसाई समुदाय की लडकी रिमशा को पिछले साल अगस्त में ईश निंदा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। एक मौलवी हफीज मोहम्मद खालिद चिश्ती ने उन पर क़ुरान जलाने का आरोप लगाया था।
पाकिस्तान में कथित रूप से क़ुरान जलाने की अभियुक्त 14 वर्षीय ईसाई किशोरी रिमशा मसीह के खिलाफ ईशनिंदा का मामला पिछले साल ही राजधानी इस्लामाबाद स्थित हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। कडी सुरक्षा में रिमशा को हिरासत में रखे जाने के मामले की अंतरराष्ट्रीय जगत में काफी आलोचना हुई थी। हालांकि अदालत ने रिमशा के ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया था लेकिन रिमशा और उनके परिवार के लोगों को लगातार धमकियां मिल रही थीं, जिसकी वजह से ये लोग छिपकर रहने के लिए विवश थे।
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