पान की दुकान से सोशल मीडिया तक छेड़ेंगे संग्राम
नई दिल्ली । भ्रष्टाचार, महंगाई और विदेश नीति पर असफलता और अकर्मण्यता जैसे आरोपों की काट के लिए कांग्रेस चौतरफा मार करेगी। संप्रग सरकार के खिलाफ बने नकारात्मक माहौल से जूझना कांग्रेस अपनी पहली चुनौती मान रही है। सरकार को तो सक्रिय किया ही गया है, लेकिन कांग्रेस संगठन में जनता की धारणा बदलने की अहम जिम्मेदारी अजय माकन को दी गई। महासचिव के साथ-साथ उन्हें संवाद व प्रचार विभाग का प्रभार दिया गया है। सरकार के प्रति बनती खराब धारणा और नरेंद्र मोदी के प्रचार तूफान को रोकने के लिए माकन ने भी पान की दुकान से लेकर सोशल मीडिया तक प्रचार युद्ध छेडऩे की पूरी तैयारी कर ली है। सरकार की उपलब्धियां बनाम नकारात्मक छवि की इस लड़ाई पर अजय माकन ने नई जिम्मेदारी संभालने के बाद पहली बार अपनी बात रखी।
-चुनावी साल में सरकार की छवि बदलने की जटिल जिम्मेदारी से कैसे निपटेंगे?
यादा कुछ नहीं करना है। सिर्फ संप्रग सरकार की पिछले 9-10 वर्ष की उपलब्धियां यदि हम लोगों तक पहुंचा सके तो हमारा काम बहुत आसान हो जाएगा। हम सत्ता में आए थे तो मात्र 17 केंद्रीय विश्वविद्यालय थे, अब 44 हैं। 7 आइआइटी थीं, जो अब 16 हैं। आज छह की जगह 13 आइआइएम हैं। समाज के हर वर्ग और क्षेत्र का स्तर बढ़ा है। शिक्षा-स्वास्थ्य, बाजार और विकास हर मोर्चे पर संप्रग का प्रदर्शन राजग से बेहतर रहा है।
-भ्रष्टाचार के मामले में भी?
यह विपक्ष का कुप्रचार है। घोटाले बाहर निकालने के औजार तो हमने ही दिए। जितने भी मामले आए वे आरटीआइ या फिर कैग की वजह से। विनोद राय को कैग कांग्रेस ने ही बनाया था। आरटीआइ भी हम ही लाए थे।
-राष्ट्रमंडल खेल, 2जी, कोलगेट जैसे तमाम घोटालों से सरकार की छवि मलिन हुई, कैसे समझाएंगे सबको?
भाजपा का कुप्रचार बिना तथ्य के होता है। भ्रष्टाचार पर संप्रग और कांग्रेस ने तुरंत सख्त कार्रवाई सिर्फ आरोपों पर की। वहीं गुजरात में नरेंद्र मोदी की सरकार में वह कैबिनेट मंत्री बने हैं, जिन्हें अदालत ने सजा सुनाई है। जनता को अब सब समझ आ रहा है।
-जब सब कुछ सरकार ने ठीक किया तो उसके खिलाफ नकारात्मक वातावरण क्यों बना? कहां चूक हुई?
मैं समझता हूं कि पहले जो हमारे राजनीतिक विमर्श या वार्तालाप चाय और पान की दुकान पर या सैर के समय होते थे। पिछले चार-पांच वर्षो में बहुत तेजी से परिवर्तन आया है। अब सोशल मीडिया में बहुत चर्चा होती है। भाजपा के लोगों ने सुनियोजित तरीके से उस पर कब्जा कर फायदा उठाया।
-आप मानते हैं कि कांग्रेस देर से चेती?
वैसे भी दुनिया भर में यह ट्रेंड रहा है कि ट्विटर और फेसबुक जैसी सोशल साइटों पर सबसे पहले दक्षिणपंथी आते हैं। समय के साथ दक्षिणपंथ से मध्यममार्गी होने लगता है। पहले हमारे जो कार्यकर्ता पान या चाय की दुकान पर कुप्रचार से भिड़ते थे, वे अब सोशल मीडिया पर दो-दो हाथ करेंगे।
-आपके मुताबिक, भाजपा पहले से इस खेल में है। उससे कैसे पार पाएंगे?
भाजपा व दूसरे दलों को दिक्कत इसलिए आएगी कि क्योंकि उनके बहुत सारे एकाउंट नकली हैं। एक-एक व्यक्ति ने दस-दस बनाए हैं। जिस तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग वे लोग करते हैं, हम नहीं करेंगे। हम सभ्य भाषा में आंकड़ों के साथ अपनी बात रखेंगे।
-तमाम मसलों खासतौर से आर्थिक मुद्दों पर कांग्रेस-सरकार के मतभेद सामने आते रहे हैं। सरकार-संगठन की एकजुटता दिखाना कितनी बड़ी चुनौती है?
सरकार और पार्टी कभी अलग नहीं थी। कोशिश है कि एआइसीसी ब्रीफिंग में मंत्री भी आएं। शुरुआत भी हुई है। हम पूरी सचाई और तथ्यों के साथ एकजुट होकर जवाब देंगे। जनता को भ्रमित करने की सारी कोशिशें नाकाम होंगी।
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