मलाला यूसुफजई छह साल के बाद पाकिस्तान लौटीं
इस्लामाबाद। छह साल के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को अपनी सरजमीं पाकिस्तान वापस लौटी सबसे कम उम्र की नोबल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने कहा कि वह पिछले पांच वर्ष से पाकिस्तान लौटने के बारे में सपने देखा करती थीं और उन्हें अब भी यकीन नहीं हो रहा कि वह अपने देश लौट आई है। डॉन न्यूज के मुताबिक मलाला ने यहां प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से मुलाकात के बाद उनके निवास पर भावुक संबोधन में कहा कि आज मैं बहुत खुश हूं, साढ़े पांच वर्ष बाद मैंने अपने देश की जमीन पर पैर रखे हैं। आज का दिन मेरे जीवन का सबसे खुशी का दिन है क्योंकि मैं स्वदेश लौटी हूं। मैंने एक बार फिर अपने सरजमीं पर पैर रखे हैं और अपने लोगों के बीच आ गयी हूं। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी शिक्षा ब्रिटेन में भी जारी रखी थी लेकिन मैं हमेशा से पाकिस्तान में आजाद घूमना चाहती थी। मैं बच्चों की शिक्षा पर निवेश करना चाहती हूं। पाकिस्तान की महिलाओं को सशक्त होना चाहिए।
मलाला के बाद अब्बासी ने भी वहां उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया और कहा कि उन्हें देश की बेटी के स्वदेश लौटने पर बेहद खुशी है। उन्होंने कहा कि आप जब देश छोड़कर गई थीं, तब आप महज 13 वर्ष की एक किशोरी थीं और अब आप देश की सबसे मशहूर हस्ती हैं। पाकिस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया आपको सम्मान देती है। यह आपका घर है। अब आप एक आम नागरिक नहीं हैं, आपकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि आपके देश छोड़कर जाने के बाद से हमने एक बहुत मुश्किल लड़ाई लड़ी है जिसमें 6500 सैनिक, 25 हजार पुलिसकर्मी, अर्धसैनिक बल के जवान और आम नागरिक शहीद हुए। आतंकवाद का सफाया कर दिया गया है और अब भी हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। दुनिया हमारे बारे में क्या कहती है, उसे दरकिनार कर दें। पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी लड़ाई लड़ रहा है। गौरतलब है कि मलाला वर्ष 2012 में तालिबान आतंकवादियों के हमले में घायल होने के बाद पहली बार पाकिस्तान लौटी है। मलाला के शिक्षा को समर्थन देने से नाराज तालिबान के नकाबपोश आतंकवादियों ने बच्चों की स्कूली बस को रोककर उनके सिर में गोली मार दी थी। इसके बाद मलाला को सर्जरी के लिए विदेश ले जाया गया था।
पाकिस्तान के जियो टीवी ने मलाला की इस्लामाबाद हवाई अड्डे से कड़ी सुरक्षा के बीच बाहर निकलने की तस्वीरें दिखाई है। मलाला को 17 वर्ष की आयु में साल 2014 में शिक्षा का समर्थन करने के लिए नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। ब्रिटेन में रह रही मलाला ने पिछले सप्ताह ही ट्विटर पर अपने वतन वापस लौटने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने ट्वीट किया कि आज मैं अपने घर की यादों, घर की छत पर क्रिकेट खेलने और स्कूल में राष्ट्रगान गीत की यादों को संजो रही हूं।
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