पाकिस्तान में भगत सिंह के दस्तावेज हुए सार्वजनिक
लाहौर। आजादी के महानायक और भारत-पाकिस्तान के हीरो भगत सिंह को बेगुनाह साबित करने के लिए 87 साल बाद पाकिस्तान ने उनपर चले मुकदमे और फांसी से जुड़ी फाइले सार्वजनिक की हैं। लाहौर में दिखाए गए इन दस्तावेजों में भगत सिंह के केस से जुड़ी खबरों की क्लिपिंग, सांडर्स की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और सुखदेव व राजगुरु की फांसी देने का वारंट शामिल है। इसके अलावा इन दस्तावेजों में भगत सिंह के कई खत भी बरामद हुए हैं, जिसमें उनकी पत्र लिखने की एक खासियत सामने आई है। दरअसल उनके खत से पता चला है कि वो अपने पत्र के अंत में आपका आभारी या आज्ञकारी नहीं लिखते थे, बल्कि आपका आदि,आदि लिखा करते थे। बता दें कि भगत सिंह को 23 मार्च 1931 को लाहौर की सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई थी। इसके अलावा प्रदर्शनी में जो दस्तावेज रखे गए हैं उनमें भगत सिंह के केस से जुड़ी खबरों की क्लिपिंग, सांडर्स की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और ब्रिटिश पुलिस द्वारा भगत सिंह के अड्डों पर छापा मारने के दौरान बरामद हुई पिस्टस और बुलेट की तस्वीरें शामिल हैं। इन दस्तावेजों को देखने के लिए लोग काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं यही वजह है कि पंजाब अभिलेखागार विभाग के डायरेक्टर अब्बास चौधरी ने प्रदर्शनी की तारीख को और बढ़ा दिया है। प्रदर्शनी में भगत सिंह का वो डेथ सर्टिफिकेट भी रखा गया है जिसे 23 मार्च 1931 को जेल निरीक्षक ने बनाया था। प्रदर्शित दस्तावेजों में भगत सिंह के कुछ पत्र भी रखे गए हैं। उन्हें देखकर पता चलता है कि भगत सिंह पत्र के आखिरी में आपका आभारी या आज्ञाकारी लिखने की जगह आपका आदि,आदि लिखा करते थे।
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