रानी ने ‘हिचकी’ में किया है शानदार अभिनय
इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म ‘हिचकी’ 2008 में आई ‘फ्रंट ऑफ द क्लास’ पर आधारित है। हर किसी व्यक्ति के जीवन में कोई ना कोई ऐसा अध्यापक या जीवन की सीख देने वाला कोई शिक्षक होता है जो जिंदगी भर याद रखता है। ऐसे ही एक शिक्षक की कहानी है हिचकी। इस फिल्म का किरदार देखा जाये तो अमेरिकी शिक्षक ब्रैड कोहेन पर आधारित है जोकि टॉरेट सिंड्रोम से पीड़ित थे लेकिन जिंदगी में आई तमाम परेशानियों को झेलकर कामयाब शिक्षक बने थे। फिल्म की कहानी नैना माथुर (रानी मुखर्जी) के इर्दगिर्द घूमती है। नैना बचपन से ही टॉरेट सिंड्रोम से पीड़ित है। इस कारण उसे बार-बार हिचकी आती है। स्कूल के दिनों से वह परेशानी झेल रही है। बचपन में उसे अपनी हिचकी की वजह से 12 बार स्कूल बदलने पड़े थे और अब जब वह बड़ी होकर टीचर बनना चाहती है तो उसे कामयाबी नहीं मिल रही है। वह जहां भी टीचर का इंटरव्यू देने जाती है उसे मना कर दिया जाता है। आखिरकार उसको अपने ही स्कूल में गरीब बच्चों को पढ़ाने का चैलेंज मिलता है। लेकिन यहां उसकी राह आसान नहीं है। बच्चे उसका काफी मजाक उड़ाते हैं और उसे परेशान करते हैं लेकिन नैना सभी बच्चों को सुधारने में कामयाब रहती है। अभिनय के मामले में रानी का जवाब नहीं। चार साल के लंबे अंतराल के बाद उन्होंने बड़े पर्दे पर वापसी की और प्रभाव छोड़ने में सफल रहीं। फिल्म की कहानी काफी भावनात्मक तरीके से आगे बढ़ती है। निर्देशक की कामयाबी कही जायेगी कि उन्होंने कहानी में बेकार का मसाला नहीं डाला है और एक साफ सुथरी कहानी को सही अंदाज में पेश किया है। हो सकता है मनोरंजन की चाह में गये दर्शकों को यह फिल्म पसंद नहीं आये लेकिन इस फिल्म को देखकर आप उन लोगों का मजाक उड़ाना छोड़ देंगे जोकि जिंदगी में किसी शारीरिक परेशानी से जूझ रहे हैं। फिल्म का गीत-संगीत कहानी को आगे बढ़ाने में मददगार रहा है।
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