15 जुलाई के बाद लापता लोगों को मृत माना जाएगा’
देहरादून : उत्तराखंड की प्राकृतिक आपदा में लापता लोगों की तादाद 3000 बताते हुए मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा है कि अगर 15 जुलाई तक उनका पता नहीं लगा तो उन्हें मृत मान लिया जाएगा। आपदा की गंभीरता को देखते हुए राज्य मंत्रिमंडल ने यह फैसला किया है। साथ ही इसके बाद मृतकों के नजदीकियों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रासदी के बाद लापता लोगों की सही संख्या 3,064 है और उनके बारे में पता लगाने की डेडलाइन 15 जुलाई है। मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजा 30 जुलाई तक दे दिया जाएगा। उधर, मौसम विभाग की अगले दो दिन में कुमाऊं क्षेत्र में भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए सूत्रों ने बताया कि एनडीआरएफ के 250 कर्मियों को उन इलाकों में तैनात किया गया है, जहां भारी बारिश की उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार 5 और 6 जुलाई को विशेषकर कुमाऊं इलाके के नैनीताल, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर जिलों में भारी बारिश हो सकती है।
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