रुस के हानिकारक व्यवहार को देखते हुए जी-7 मंत्रियों ने कहा कि ‘अब बहुत हो गया सहना’, उठाना होगा कड़ा कदम
टोरंटो। कैनेडा और जापान की नई दोस्ती पर पूरी दुनिया की निगाहें हैं और लोगों को भी इस बात की समझ आ गई होगी कैनेडा किसी भी विकसित देश पर निर्भर नहीं हैं और जल्द ही जी-7 शिखर सम्मेलन के उच्च सदस्यों में से एक होगा। विदेश मंत्री क्रिस्टीया ष्ट्वफ्रीलैंड ने बताया कि जी-7 देशों ने एकमत होकर रुस को चेतावनी जारी की हैं कि यदि वह अपने इन कार्यों से नहीं बाज आया तो उसे इसके लिए कठोर कदम उठाने में भी चूकूगें नहीं। कैनेडा की विदेश मंत्री क्रिस्टीया फ्रीलैंड और जापान के विदेश मंत्री तारो कोनॉ ने सैन्य संबंधी प्रपत्रों पर हस्ताक्षर कर दोनों देशों की सुरक्षा प्रणालियों को और अधिक मजबूत बनाने का प्रयास किया, दोनों देशों ने यह भी माना कि उत्तर कोरिया के परमाणु प्रशिक्षण का इस अनुबंध पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा बल्कि इन नीतियों से दोनों देशों की आर्थिक स्थितियां और अधिक सुदृढ़ बनेगी। गौरतलब हैं कि अमेरिका उत्तर कोरिया पर लगाए गए प्रतिबंध तब तक नहीं हटाएगा जब तक वह अपने परमाणु कार्यक्रमों को काफी हद तक समाप्त ना कर दे। अमेरिकी अखबार वाल स्ट्रीट जर्नल ने प्रशासनिक अधिकारियों के हवाले से कल अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। जी-7 में शामिल देशों ने रूस के व्यवहार को शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। अमेरिका के विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यहां बताया कि जी-7 के विदेश मंत्रियों की बैठक में एकमत से रूस के व्यवहार का विरोध किया गया। बैठक के पहले दिन नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, रूस के हानिकारक व्यवहार का विरोध करने को लेकर जी- 7 एकजुट है। अधिकारी के अनुसार जी-7 के सदस्य देश रूस के साथ वार्ता के लिए भी तैयार है। उन्होंने कहा, हम उसे (रूस) उसकी घातक गतिविधियों और राष्ट्रों को अस्थिर करने के प्रयासों के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं। इससे पहले द. कोरिया ने 2015 के मध्य में प्रोपेगेंडा प्रसारण को बंद किया था लेकिन उ. कोरिया द्वारा चैथे परमाणु परीक्षण करने के बाद जनवरी 2016 में इसका प्रसारण फिर से शुरू कर दिया था।
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