ट्रुडो ने बुलाई आपातकालीन कैबीनेट बैठक

ट्रांस माउन्टेन पाईपलाइन योजना को पूरा करने के लिए उठाए जाने वाले नए कदमों पर की गई गहन चर्चा
औटवा। विवादित ट्रान्स माउन्टेन पाईपलाइन को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए इसे औटवा से क्रय करने का मन पक्का बना लिया हैं, इसके अलावा अभी केंद्र सरकार के पास कोई और चारा शेष नहीं, केंद्र सरकार के पास इसे पूर्ण करने के लिए केवल गुरुवार तक का समय हैं। इसलिए इस डील को पूर्ण करने के लिए सरकार जल्द ही इसे किंडर मॉरगन से परेशान निवेशकों को बचाना होगा। जिसके लिए सबसे आवश्यक कार्य होगा इसे पूर्ण होने की प्रणाली में वापस लाना, जिससे निवेशकों का विश्वास पुन: जगाया जा सके। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पहले ही इस परियोजना में भारी विलंभ के कारण बहुत अधिक खर्चा हो चुका हैं, गौरतलब हैं कि इस योजना के देरी से प्रतिवर्ष 15 बिलीयन डॉलर का नुकसान हो रहा हैं, इसलिए इसके लिए कोई ने कोई सख्त कदम अवश्य उठाने का समय आ गया था। इस नुकसान की भरपाई के लिए सबसे पहला कदम यह उठाया गया कि इसे तुरंत ही औटवा से खरीदा जाएगा, जिससे इसके निर्माण में किसी भी प्रकार की कोई और बाधा न आ सके।  वित्तमंत्री के प्रवक्ता ने ब्लूमबर्ग को बताया कि इस बार इस परियोजना में किसी भी प्रकार की कोई अटकलबाजी नहीं लगाई जाएगी, जोभी कार्य करना हैं उसे जल्द ही और वास्तविक मुद्दों को ध्यान में रखकर करना होगा। जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की कोई बाधा न आ सके, सरकारी सूत्रों के अनुसार इस योजना को पूर्ण करने के लिए इसलिए भी शीघ्रता दिखाई जा रही हैं क्योंकि इसके प्रारंभ होते ही देश विदेशों में तेल का अपना निर्यात बढ़ा सकेगा और विदेशी विनिमय को भी बढ़ा सकेगा जिससे ने केवल आर्थिक स्थिति में सुधार होगा बल्कि रोजगार में भी तुलनात्मक वृद्धि होगी। ज्ञात हो कि इस योजना के पूर्ण होते ही बी.सी. और अल्बर्टा में हजारों रोजगार उत्पन्न होंगे जिसका लाभ सीधे तौर पर कैनेडियन युवा पीढ़ी को होगा। इसके प्रारंभ होते ही हम अमेरिकी तेल कंपनियों को तेल की खरीद पर छूट नहीं देंगे जिससे देश की आर्थिक स्थिति और अधिक मजबूत होगी। ट्रुडो ने आगे कहा कि इस योजना को सामाजिक स्वीकृति के पश्चात ही आगे बढ़ाया गया हैं, और प्राकृतिक संतुलन के पश्चात ही इसे विस्तार दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री ट्रुडो और वित्तमंत्री मॉरन्यू इस डील के लिए पहले से ही मॉरगन को हटाने के लिए इसके मुख्यालय हॉस्टन में प्रक्रिया को आरंभ कर चुके थे, परंतु बी.सी. की एनडीपी सरकार द्वारा ढ़ीला रवैया अपनाने से इस डील के स्थगन में समय बर्बाद हो रहा था, जिसे अब जल्द ही पूर्ण रुप से समाप्त कर दिया जाएगा।
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