नई हायरिंग फ्रीज नीति में नर्सों, अध्यापकों को छूट : डाग फोर्ड
फोर्ड द्वारा प्रस्तावित सार्वजनिक क्षेत्र में नियुक्तियों को फ्रीज करने की नीति में कुछ वर्गों को दी गई छूट
टोरंटो। ओंटेरियो के नवनिर्वाचित प्रीमियर ने आते ही अपनी नई प्रस्तावित नीति से सभी को चैका दिया हैं, उनके अनुसार सभी सार्वजनिक क्षेत्रों में नई नियुक्तियों को फ्रीज करने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा, जिससे सरकारी खर्चों पर नियंत्रण करने में मदद मिलेगी, उनके अनुसार आवश्यकता होने पर ही नियुक्तियां की जाएं और किसी भी कार्य के लिए कम से कम श्रम शक्ति का प्रयोग किया जाएं, जिससे इसका आर्थिक भार करदाताओं पर अधिक न पड़े और सरकार के खर्चों को भी संतुलित किया जा सके। फोर्ड ने अपनी नीति में कुछ राहत देते हुए कहा कि अध्यापकों की नियुक्तियों को इस नीति से बाहर रखा जाएंगा, जिससे शिक्षा क्षेत्र में कोई भी रुकावट न आ सके। परंतु उन्होंने यह भी कहा कि उनके चुनावी वादे के अनुसार वह करदाताओं की एक-एक पैनी का हिसाब देंगे और किसी भी प्रकार का अनुचित खर्च नहीं होने देंगे इसके लिए उन्हें आरंभ से ही कठोर निर्णय लेने होंगे तभी भविष्य में कुछ अधिक विकास के कार्यों को प्राप्त किया जा सकेगा। गौरतलब हैं कि फोर्ड ने इस नीति की घोषणा पर ही कह दिया था कि इस प्रस्ताव को पारित करने के लिए फ्रंटलाईन स्टाफ को राहत दी जाएगी जिसमें पुलिस, करेक्शन अधिकारी और अग्नि शमन अधिकारियों को शामिल किया गया हैं, इन सरकारी क्षेत्रों की नियुक्तियां नियमित रुप से होती रहेगी। अब फोर्ड ने इस सूची में नर्सों को भी शामिल कर लिया हैं, जिसके लिए विकी मक्कीना ने उनका आभार व्यक्त किया हैं। ज्ञात हो कि फोर्ड ने अपने चुनावी प्रचार के दौरान लोगों से यह वादा किया था कि यदि उनकी सरकार बनती हैं तो वह अवश्य ही करों का उचित प्रावधान करेंगे और निराधर कर्मचारियों की छुट्टी भी करेंगे जिससे करदाताओं पर कम से कम बोझ हो, इसके लिए उचित कर प्रणाली के साथ साथ उचित कार्य व्यवस्था की भी घोषणा की जाएगी, गौरतलब हैं कि फोर्ड अपने पद की शपथ आगामी 29 जून को लेंगे। इसके अलावा उप मंत्रियों की सूची भी सरकारी वैबसाईट पर प्रसारित कर दी जाएगी। उधर दूसरी ओर प्रांत की विपक्ष प्रमुख एंड्रीया हॉरवथ ने माना कि फोर्ड की सोच तो अच्छी हैं, परंतु इसे लागू करने का तरीका अनुचित हैं, इससे इस प्रकार से पारित करने से इसका सबसे बुरा प्रभाव श्रमिक वर्ग पर पड़ेगा और प्रांत में बेरोजगारी और अधिक हो जाएगी, जिसके लिए कोई ठोस उपाय नहीं बनाएं गए हैं। इस प्रकार अचानक लागू करने से स्थितियां संभलने की बजाएं और अधिक उलझ सकती हैं।
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