फॉर्ड की सत्ता का आंकलन : कैसे सही लोकप्रियता का उपयोग हो?

टोरंटो। नवनिर्वाचित ओंटेरियो प्रीमियर डाग फोर्ड के हाल के निर्णयों को देखते हुए कुछ विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि उन्हें सत्ता में लाना केवल लोकप्रियता तो नहीं था, कहीं उन्होंने कोई गलत निर्णय तो नहीं ले लिया? उनकी लोकप्रियता को कैसे भुनाया जा सके, उनके सत्ता ग्रहण के कुछ दिनों के अंदर ही इतने बड़े निर्णयों को साकार रुप में लाना बहुत अधिक आश्चर्य करने वाली बात हैं। जानकारों के अनुसार वैसे इस समय दुनिया में लोकप्रियता की राजनीति चल रही हैं, फोर्ड ने अपनी सत्ता प्राप्त करते ही हाइड्रो वन के सीईओ को हटवाया, ओंटेरियो में यौन-शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल की योजना को प्रारंभ किया और ओंटेरियो के कैप-एंड-ट्रेड योजना को रद्द करने में प्रत्यक्ष भूमिका निभाई। इसके अलावा उन्होंने सीमा प्रवेशों पर भी केंद्र सरकार के नियमों में बदलाव की गुहार लगाई हैं।  इन कार्यों को देखते हुए विपक्षी एनडीपी और लिबरलस विकास की दौड़ में फॉर्ड से कहीं पीछे नजर आ रहे हैं, लेकिन यह सब कार्य केवल लोकप्रियता हासिल करने का फंडा हैं या कार्य करने का सही रुप हैं इसका आंकलन तो आने वाला समय ही बताएंगा, यदि फोर्ड इन कार्यों को संतुष्टि के साथ पूर्ण करते है तो वह अपनी लड़ाई जीत जाएंगे अन्यथा उनकी लोकप्रियता में घटाव आएगा। समीक्षकों के अनुसार ओंटेरियो के प्रीमियर डाग फोर्ड की राजनीति अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भांति हैं, वह बहुत ही उग्र होकर निर्णय ले रहे हैं, जिसका विरोध करने वालों की ओर वह बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे। वर्ष 2016 में अमेरिका में भी यहीं स्थिति उत्पन्न हुई थी, जब हिलेरी क्लिंटन के समर्थक भी अंतिम समय में ट्रंप के साथ हो गए यह केवल उनकी लोकप्रियता थी और कुछ नहीं। परंतु बात यह हैं कि इस लोकप्रियता का सही इस्तेमाल हो रहा हैं या नहीं इसे समझना होगा।
पूरे विश्व पर ध्यान देना होगा
आजकल लोकप्रियता की राजनीति चल रही हैं, जिसका उदाहरण विश्व के कई देशों की राजनीति को देखते हुए पता चल रहा हैं, जैसे फोर्ड ने अपने विपक्षियों के प्रति बख्तरबंद सांचा तैयार किया उसी प्रकार विश्व के अन्य कई देशों में भी प्रमुख राजनैतिक दल के उम्मीदवार विपक्षियों को इस प्रकार के उदाहरण दे रहें हैं जैसे पहले कभी किसी न नहीं सोचा, उनके द्वारा एक-दो निर्णय ऐसे लिए जाते हैं जिससे जनता व समीक्षक प्रभावित हो जाते हैं और उनमें बदलाव की राजनीति के आकर्षण में आकर उन्हें ही चुनते हैं। ऐसे राजनेता अपनी लोकप्रियता को बनाएं रखने के लिए अपने किए वादों को भी जल्द से जल्द पूरा करते हैं, जिसका लाभ जनता को मिलता हैं।
एनडीपी ने भी अपनाया लोकप्रियता को
फोर्ड की चुनौतियों के निवारण हेतु एनडीपी ने भी लोकप्रियता को प्रोत्साहित किया, इसका सबसे अच्छा उदाहरण यू.के. में लेबर पार्टी के नेता जेरमी कॉबयन ने दिया जिन्होंने अपनी सीट जीती और सोशल डैमोक्रेटिक प्लेटफॉर्म के प्रति एक ऐसा मंच बनाया कि लोगों ने उन्हें ही 40 प्रतिशत मत दिए।  उन्होंने लोकप्रियता को मात देते हुए केवल अपने दम पर इन चुनावों को जीता। जानकारों के अनुसार जल्द ही लोकप्रियता की राजनीति समाप्त हो सकती हैं, लोगों को लोकप्रियता से अधिक विकास की चाह होती हैं, और यदि उनका चुना नेता ऐसा नहीं कर पाता तो यह समाप्त हो जाती हैं।
You might also like

Comments are closed.