महाराष्ट्र में एक मछली साढ़े पांच लाख रुपए में बिकी
हमसे कोई एक मछली की कीमत पूछे तो हम ज्यादा से ज्यादा हजारों में कीमत बताएंगे। महाराष्ट्र में एक मछली की इतनी कीमत लगी है जो हैरान करने वाली है। यहां एक मछली साढ़े पांच लाख रुपए में बिकी है। महाराष्ट्र में घोल मछली की कीमत ने रिकॉर्ड तोड डाला साढ़े पांच लाख में एक मछली खरीदी गई। घोल मछली के फेफड़े और स्किन का इस्तेमाल दवाईयां और कॉस्मेटिक तैयार किया जाता है। भरत मेहर और महेश इन दो मछुआरों ने इस मछली को पकड़ा था। इस मछली का वजन 30 किलो है। मछुआरों ने इस मछली को पालघर मछली मार्केट में निकले थे। दोनों ने इसकी कीमत ऊंची लगाई थी। यह बात पूरी मार्केट में फैल गई और आखिरकार इसकी कीमत साढ़े पांच लाख रुपए लगाई गई। इस मछली के शरीर का हर हिस्सा दवाई के इस्तेमाल आता है। इस मछली से बड़े पैमाने पर पूर्वी एशिया में भी दवाइयां बनाई जाती हैं। इस मछली की खाल से कोलाजम मिलता है, जिसका इस्तेमाल मंहेगी कॉस्मेटिक प्रोडक्ट के लिए होता है। और ऑपरेशन के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले सॉल्युबल टांके तैयार करने में भी इसका प्रयोग किया जाता है। भारत में घोल मछली पकड़कर सिंगापूर, मलेशिया, इंडोनेशिया, हांगकांग और जापान भेजा जाता है। घोल मछली की स्किन में उच्च गुणवत्ता वाला कोलेजन (मज्जा) पाया जाता है। इस कोलेजन को दवाओं के अलावा क्रियाशील आहार, कॉस्मेटिक उत्पादों को बनाने में प्रयोग किया जाता है। कुछ वर्षों में इन सामग्री की मांग बढ़ रही है। यहां तक कि घोल का महंगा कमर्शल प्रयोग भी होता है। मछली के पंखों को दवा बनाने वाली कंपनियां घुलनशील सिलाई और वाइन शुद्धि के लिए भी प्रयोग में लाती है।
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