सावन की शिवरात्रि का है विशेष महत्व, इस तरह करें भगवान शिव को प्रसन्न
श्रावण मास भगवान शिवजी का प्रिय मास है। इस मास में पड़ने वाली शिवरात्रि का भी अपना विशेष महत्व है। वैसे तो प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि कहा जाता है लेकिन सावन की शिवरात्रि के दिन देश भर के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। सावन मास में चल रही कांवड़ यात्रा के दौरान हर शिव भक्त का यही प्रयास रहता है कि वह पवित्र नदी का जल लाकर या तो सोमवार को जलाभिषेक करे या फिर शिवरात्रि के दिन जलाभिषेक करे। इसलिए सावन की शिवरात्रि पर हर शिव मंदिर में कांवड़ियों की अच्छी खासी भीड़ होती है। इस बार तो सावन की शिवरात्रि पर बहुत ही अच्छा संयोग भी बन रहा है। दरअसल इस दिन त्रयोदशी भी है और रात 10.45 के बाद चतुर्दशी लग जायेगी। शिवरात्रि में रात्रि के समय शिव पूजा विशेष फलदायी होती है।
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