प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर लगाएं दो आरोप

प्रदर्शनकारियों का कहना हैं कि प्रधानमंत्री न तो ऑयल पाईपलाईन का निर्माण समय पर करवा सकें और न ही पर्यावरण परिवर्तन के प्रभाव से देश को बचा सके।
एक ओर जहां पाईपलाईन का निर्माण अभी तक पूर्ण नहीं हो सका वहीं दूसरी ओर बी.सी.के जंगल भयंकर गर्मी के कारण जल रहे हैं।
नानएमो, बी.सी.। इस समय सत्ताधारी सरकार बहुत अधिक दबाव से गुजर रही हैं गत दिनों प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने स्वयं पाईपलाईन निर्माण का कार्य संभाला और लोगों से वादा किया था कि जल्द ही इसे पूरा करवाएंगे परंतु अभी तक कार्य पूर्ण नहीं हो सका हैं। ज्ञात हो कि इन्हीं परेशानियों से बचने के लिए ट्रुडो ने अपने कैबीनेट में भी बदलाव की घोषणा की परंतु बाद में इसे टाल दिया। प्रधानमंत्री ट्रुडो के सामने एक बड़ी समस्या ब्रिटीश कोलम्बिया के जंगलों में लगी भयंकर आग भी बताई जा रही हैं। प्रशनकाल के दौरान बताया गया कि प्रधानमंत्री ट्रुडो से प्रशन किया गया कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए 4.3 बिलीयन डॉलर का अनुदान दिया गया, परंतु अभी तक इस पर कोई स्थाई योजना नहीं बनाई गई। पाईपलाईन परियोजना को सुचारु रुप देने के लिए ट्रुडो बहुत अधिक प्रयास कर रहे हैं, जिसके आरंभ के लिए पीएम और उनकी टीम बी. सी. के एनडीपी प्रीमियर जॉन होरगन से भी मिले जो इस परियोजना को बंद करने के प्रबल दावेदार हैं। परंतु इस सभा के पश्चात होरगन ने ट्रुडो को धन्यवाद देते हुए कहा कि जिस प्रकार हम पहले इस परियोजना के प्रति गलत धारणा कर रहे थे, वैसा अब नहीं हैं प्रधानमंत्री इसका विकास उत्तम तरीके से करवा रहे हैं और इसका लाभ भी सभी को मिलेगा। वहीं प्रधानमंत्री ने बी.सी. के जंगलों में लगी आग के प्रति भी संवेदना जताई और कहा कि सरकार जल्द ही इस आग पर नियंत्रण प्राप्त कर लेगी।
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