प्रार्थना के लिए कैबरे, चीज प्लांटस और रॉक-स्टार शरीनस को चर्च ने अयोग्य ठहराया

ओंटेरियो। ओंटेरियो के स्ट्राफोर्ड में स्थित मैकेनजी मैमोरियल गोसपेल चर्च ने एक बार फिर से आधुनिक प्रार्थना के साधनों पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं, उनके अनुसार प्रशंसकों द्वारा पक्षियों के परों को धारण करके कैबरे आदि करना प्रार्थना सभाओं में उचित नहीं, हम इस प्रकार के कृत्यों का विरोध करते हैं और इसकी बिक्री पर भी पूर्णत: प्रतिबंध रखने के समर्थक हैं। गत दिनों इस बात पर करवाएं गए एक सर्वे में यह बात स्पष्ट की गई कि सांस्कृतिक सभाओं में इस प्रकार के आयोजनों पर प्रतिबंध लगाया जाएं, जिससे चर्चों की प्रतिष्ठा बनी रह सके। कैथेड्रल को अपनाने वाले रॉब वीगन ने बताया कि इस प्रकार किसी धार्मिक संस्था में लोग कैसे इस प्रकार के आयोजनों में भाग लेकर संतुष्टि प्राप्त करते हैं।  संस्कृति के नाम पर फूहड़ता को रोकने के लिए कथित प्रयास आवश्यक हैं अन्यथा पारंपरिक संस्कृति को इससे नुकसान पहुंचेगा और आने वाली पीढ़ी पर भी इसका गलत प्रभाव पड़ेगा। विशेषज्ञों की राय में 19वीं शताब्दी में आयोजन होने वाले कार्यक्रमों में आत्मिक शांति मिलती थी, परंतु अब कोलाहल के कारण लोगों में अशांति बनी रहती हैं और कैबरे या अत्यधिक शोर-शराबे के कारण अध्यातमिक ज्ञान कहीं खोकर रह जाता हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य हैं कि इन शांतिप्रिय स्थानों पर कला व मधुर संगीत से पूर्व कहानियों की प्रस्तुति होनी चाहिए जिससे लोगों को आध्यात्म के साथ साथ नैतिक शिक्षा का भी ज्ञान हो सके और चर्चों की प्रतिष्ठा भी बनी रहें। सेंट-जॉर्जस ने कहा कि हमें कोई भी कार्य सोच समझकर करना चाहिए जिससे चर्चों को प्रतिष्ठा को पुन: प्राप्त किया जा सके। आंकड़ों के अनुसार गत वर्षों में 547 से अधिक चर्च बंद हो चुके हैं और बिक्री या परिवर्तन आदि के लिए कतार में हैं। जो इस बात का प्रमाण हैं कि लोगों का धार्मिक कृत्यों के प्रति रुझान कम हो रहा हैं। प्रांतीय सरकार द्वारा इन धार्मिक स्थानों के पुर्नत्थान के लिए 15 मिलीयन डॉलर का अनुदान भी पारित किया गया हैं, जिससे इन प्रतिष्ठानों को बचाया जा सके।
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