कबूतरबाजों ने नायब तरीके से ठगे 24 लाख

टोरंटो – मानव तस्करी में लगे कबूतरबाजों ने अब ठगी करने का तरीका बदल दिया है। पहले वे पेशगी में धन लेकर विदेश भेजने के नाम पर ठगी करते थे। अब पहले जाओ फिर काम पाओ और बाद में धन। इसी तरीके की ठगी के शिकार हुए तीन युवकों में से दो करण सिंह व संदीप सिंह ने अपनी रौंगटे खड़ी करने वाली दस्तां सुनाने सांसद खन्ना के निजी सचिव संजीव तलवाड़ा के जरिए रायसभा सांसद अविनाश राए खन्ना के घर होशियारपुर के नारायण नगर पहुंचे तो यह सब सुन सांसद खन्ना भी हैरान रह गए। सांसद ने तुरंत ही नवांशहर की एसएसपी को फोन कर वारदात में शामिल एजेंट को काबू कर उसके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई करने के लिए कहा है।
खन्ना के निजी सचिव संजीव तलवाड़ के घर पर मौजूद बटाला शहर के तीनों ही पीडि़त युवकों करण सिंह, संदीप सिंह व अजनाला कस्बे के रहने वाले रणजोत सिंह ने बताया कि हम तीनों कैनेडा जाने की इछा थी। अखबारों में विज्ञापन पढ़ हमलोग जून माह में चंडीगढ़ स्थित एक एजेंट के पास पहुंचे तो एजेंट ने हमें भरोसा दियाया कि आप लोग पहले कैनेडा पहुंच वहां सेटल हो जाओ तब जाकर हमें पैसे देना। हमलोग उनके जाल में फंस अपने अपने कागजात उन्हें सौंप फ्लाईट का इंतजार करने लगे। तीनों ही युवकों में से सबसे पहले बटाला के करण सिंह को तुर्की से मैसेज व फोन आया कि 25 जून को नई दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचो। नई दिल्ली हवाई अड्डे पर उसे कैनेडा पहुंचाने की बात कह काठमांडू की फलाईट में यह कहकर बैठा दिया गया कि वहां से कुछ समय । कने के बाद उसे कैनेडा की सीधी फ्लाईट मिलेगी। तीन घंटे बाद ही शाम के समय वह काठमांडू पर पहुंचा तो एजेंट का आदमी उसे गाड़ी में बिठा एक सुनसान घर के तीसरी मंजिल पर ले गया। वहां ले जाकर उसके हाथ पैर बांध कर बंदी बना लिया गया। करण सिंह ने रोते हुए बताया कि पूछने पर वह कोई जवाब नहीं दे रहा था, वहीं खाने में नशीले पदार्थ व नींद की दवा देकर मुझे बेहोशी की हालात में बंदी बना लिया गया। तीसरे दिन मुझे एक कागज पर कैनेडा के शहरों के नाम, कंपनी का नाम जहां वह काम करता है के साथ साथ रास्ते की पूरी झूठी कहानी का खाका बना मुझे याद करने को कहा गया। चौथे दिन इन लोगों ने मेरी कनपटी पर पिस्तौल तान बटाला के ही रहने वाले संदीप का फोन मिला मुझे यह बताने को विवश किया गया कि वह कैनेडा पहुंच गया है व यहां पर मजे ही मजे है। उसे बहुत अछे पैसे की सैलरी भी लग गई है। अब वादे के मुताबिक वह मेरी पत्नी व घरवालों से पैसे लेकर नवांशहर जाकर उक्त एजेंट को पैसे थमा दो। करण सिंह ने बताया कि वादे के अनुसार मेरे परिवार ने नवांशहर पहुंच कर एजेंट के बताए पते पर 29 जून को 7.50 लाख, 1 जुलाई को 7.25 लाख व 2 जुलाई को 9 लाख 45 हजार । पए सौंप दिए। उक्त हाईटेक धोखाधड़ी मामले में बटाला के ही रहने वाले दूसरे शिकार के तौर पर फंसे संदीप सिंह को भी मैसेज आया कि वह 3 जुलाई को अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचे नई दिल्ली के रास्ते काठमांडू पहुंचो। 3 जुलाई को शाम के समय काठमांडू हवाई अड्डे पर उतरते ही एजेंट के आदमी उसे जब सुनसान रास्ते की तरफ ले जाने लगे तो संदीप को शक हो गया। संदीप ने सूझबूझ से काम लेते हुए कार से उतर एजेंट के पते पर जाने की बजाए एयरपोर्ट के किसी होटल में रहने की जिद कर लौट गया। एजेंटो की लाख कोशिश करने के बाद भी जब उसने होटल को नहीं छोड़ा तो एजेंट ने भी उससे संपर्क करना छोड़ दिया। इधर अपने दोस्त करण का फोन लग नहीं रहा था तो संदीप 11 जुलाई को बटाला लौट आया। काठमांडू से संदीप सिंह के बटाला लौटने की खबर सुनते ही फर्जीवाड़ा का भांडा न फूट जाए, इसे लेकर एजेंटों के होश उड़ गए। गत 11 जुलाई को ही एजेंटों के आदमी ने करण सिंह को 3200 । पए भारतीय व 200 नेपाली । पए देकर भारत नेपाल सीमा पर स्थित शहर बीरगंज की बस में बिठा दिया। करण सिंह बीरगंज से भारतीय सीमा पर रक्सौल पहुंच वहां से रेल में सवार हो मुजफ्फरपुर, गोरखापुर, लखनऊ के रास्ते 14 जुलाई को बटाला पहुंचा तब जाकर संदीप सिंह समेत सभी युवकों को पता चला कि वह सभी फर्जीवाड़े का शिकार हुए हैं। करण सिंह ने बताया कि संदीप सिंह के लौटने की वजह से ही उन लोगों ने मेरे घरवालों से 24 लाख । पए लेने के बावजूद मुझे जिंदा छोड़ दिया है। इस संबधी संपर्क करने पर नवांशहर जिले की एसएसपी धनप्रीत कौर ने को बताया कि होशियारपुर में तीनों युवकों के दर्दभरी व्यथा सुनने के पश्चात सांसद अविनाश राए खन्ना ने तत्काल ही मुझसे संपर्क किया था। तीनों ही पीडि़त युवक भी स्वंय यहां आकर अपनी शिकायत पुलिस को दी है। जिसके बाद तुरंत ही एसपी(डी) के नेतृत्व में जांच टीम का गठन कर आरोपी एजेंट की पहचान कर उसके खिलाफ सखत कार्रवाई करने के अदेश जारी कर दिए हैं।

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