2019 में पार्टी को लक्ष्य प्राप्ति में हो सकती हैं परेशानी : जगमीत सिंह

औटवा। एनडीपी प्रमुख जगमीत सिंह ने अपने साक्षात्कार में माना कि आगामी 2019 में पार्टी को अपना लक्ष्य प्राप्त करने में परेशानी आ सकती हैं, जिसका प्रमुख कारण अनुदान दाताओं की बेरुखी हैं जिसके कारण पार्टी लोगों के मध्य अपनी नई योजनाओं का सकारात्मक प्रचार नहीं कर पा रही हैं। ज्ञात हो कि लगभग एक वर्ष पूरे करने के पश्चात भी सिंह को अभी भी पार्टी को अपना लक्ष्य प्राप्ति में कुछ संदेह हैं, उन्होंने आगे कहा कि पार्टी की चिंता का विषय यह भी हैं कि अभी तक ताजा पोल रिपोर्ट में भी एनडीपी की स्थिति तीसरे नंबर पर अटकी हुई हैं। सिंह ने इतनी अधिक समस्याओं के पश्चात भी आशावादी जवाब देते हुए कहा कि उन्हें पूरी आशा हैं कि आगामी फरवरी में होने वाले उपचुनावों में एनडीपी अच्छा प्रदर्शन करेगी, उन्होंने आगे कहा कि लोगों तक हमारा संदेश पहुंच रहा हैं और हम अपने उद्देश्य में अवश्य ही कामयाब होंगे। लोगों को समझ आ रहा हैं कि उनके लिए कौन सी पार्टी उत्तम सुशासन दे सकती हैं, जिसके लिए वे अवश्य ही परिवर्तन की राजनीति को अपनाएंगे। हम हमेशा लोगों को उचित न्याय दिलवाने के लिए उनके साथ खड़े हुए हैं, जिससे लोगों को समझ आ गया हैं कि उनके लाभ के बारे में कौन सी पार्टी सक्षम हैं और कौन सी पार्टी असक्षम, न्यू डैमोक्रेटस हमेशा अपने संवैधानिक नियमों के लिए प्रख्यात रही हैं और भविष्य में भी एनडीपी अपने लक्ष्यों पर कायम रहेगी। जगमीत सिंह ने यह भी माना कि अगले वर्ष होने वाले आम चुनावों में पार्टी को बहुत अधिक मेहनत करनी पड़ेगी जिसके लिए पार्टी कार्यकर्त्ता पूरी तरह से तैयार हैं और पार्टी को तीसरे से पहले नंबर पर लाकर ही दम लेंगे, अभी से पार्टी कार्यकर्त्ताओं ने लोगों पर पार्टी का प्रभाव डालने का कार्य प्रारंभ कर दिया हैं और कैनेडियन जनता भी दोनों प्रमुख पार्टियों के शासन को परख चुकी हैं और उनके पास आगामी समय में केवल एकमात्र चयन बचने वाला हैं जिसके कारण वे एनडीपी को ही चुनेंगे। वर्ष 2011 में भी क्यूबेक में एनडीपी की जीत इसी बात का प्रमाण हैं कि जब लोग स्वयं परिवर्तन का मन बना लेते हैं तो उचित पार्टी को ही चुनते हैं चाहे उनके सामने कोई अन्य सक्षम पार्टी की क्यों न हो। सिंह ने आशा जताई कि उसी प्रकार इस बार भी ओरेंज लहर अपना प्रभाव अवश्य फैलाएंगी। एनडीपी के अन्य नेताओं ने भी सिंह की आशा पर विश्वास जताते हुए कहा कि मार्ग कठिन अवश्य हैं, परंतु नामुमकिन नहीं हैं इस बात पर गौर करना होगा।
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