क्यूबेक में एनडीपी की स्थिति और अधिक दयनीय हुई

– आउटरमॉन्ट उपचुनाव में नई पोल रिपोर्ट में एनडीपी को मिले न के बराबर मतों से पार्टी पर गहरा संकट मंडरा दिया है।
– तीन अलग-अलग पोल रिपोर्टस में एनडीपी को मिले सबसे कम प्रतिशत मत
टोरंटो। इस बार के उपचुनावों में भी एनडीपी की स्थिति सुधरने के बजाए और नीचे जाती प्रतीत हो रही हैं, जिसका प्रमाण नई पोल रिपोर्टों ने उजागर कर दिया हैं, इस बार चुनावों से पूर्व तीन अलग-अलग पोल रिपोर्टों ने ओरेंज प्रवाह को और अधिक कम कर दिया हैं, पार्टी के प्रचार में जगमीत सिंह का भी कोई सहारा मिलता नहीं प्रतीत हो रहा हैं। ज्ञात हो कि एनडीपी वैसे ही गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा हैं और ऊपर से इस प्रकार की पोल रिपोर्टों ने कार्यकर्त्ताओं की आशाओं पर पानी फेर दिया। क्यूबेक में केंद्रीय न्यू डैमोक्रेटस को लगातार कमी मिलती जा रही हैं, ज्ञात हो कि पिछले बार वर्ष 2015 के चुनावों में जहां क्यूबेक में एनडीपी को 16 सीटों पर विजय मिली थी, वहीं इस बार स्थिति बहुत अधिक दयनीय हो गई हैं, पार्टी को पोल के अनुसार न के बराबर सीटें मिलेगी। पिछले चार-सप्ताह की पोल रिपोर्ट के अंतर्गत नैनॉस रिसर्च, मैनस्ट्रीट रिसर्च और द लेजर/जरनल की पोल रिपोर्टों ने पार्टी को अलग-अलग मत प्रतिशत दिए, परंतु किसी भी पोल रिपोर्ट में एनडीपी को बढ़ोत्तरी की कोई आशा नहीं जताई गई हैं।
आंकड़ों के अनुसार नैनॉस रिसर्च ने जहां एनडीपी को क्यूबेक में केवल 11 प्रतिशत मत मिलने की आशा जताई, वहीं मैनस्ट्रीट के अनुसार पार्टी को नो प्रतिशत ही मत मिलेगें, जबकि लेजर/जरनल ने तो अपनी रिपोर्ट में एनडीपी को आठ प्रतिशत पर ही रोक दिया। इन आंकड़ो के अनुसार पार्टी अपनी स्थिति को खोकर चैथे स्थान पर पहुंच सकती हैं, जो भविष्य में होने वाले आम चुनावों के लिए और अधिक कष्टदायक साबित होंगे।
रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2007 के पश्चात यह पार्टी का सबसे खराब प्रदर्शन होगा, उसके पश्चात पार्टी को मलकेयर ने कुछ हद तक संभाला और इसकी स्थिति दुरुस्त की थी और पार्टी की ख्याति बढ़ाकर दूसरे नंबर तक लाकर खड़ी कर दी थी, परंतु वर्ष 2015 के पश्चात से पार्टी को दिन-प्रतिदिन हानि ही होती जा रही हैं। आगामी 25 फरवरी को पार्टी को आउटरमॉन्ट में यदि सफलता नहीं मिलती है तो उसे अपनी साख बचाने के लिए ही बहुत अधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता हैं।
ट्रुडो, शीर और बरनीयर से पिछड़े सिंह :
यद्यपि पोल रिपोर्टस अक्सर सही रिपोर्ट नहीं दे पाती, परंतु फिर भी लोगों में एनडीपी प्रमुख जगमीत ंिसंह अपना दबदबा नहीं बना सके, जिसका परिणाम क्यूबेक के उपचुनावों की पोल रिपोर्ट में देखने को मिल रहा हैं। सिंह के संदेशों से प्रतीत हो रहा था कि जल्द ही पार्टी को इसका लाभ मिलेगा और वह एक बार पुन: अपनी ख्याति को प्राप्त करेगी परंतु ऐसा होता नहीं लग रहा, पोल के अनुसार इस बार जस्टीन ट्रुडो को 44 प्रतिशत, कंजरवेटिव प्रमुख एंड्रू शीर को 18 प्रतिशत और पीप्लस पार्टी प्रमुख मैक्सीम बरनीयर को 10 प्रतिशत लोगों ने अपनी पहली पसंद बताया, जबकि सिंह के लिए किसी ने भी अपनी राय नहीं देना उचित समझा, जोकि सिंह और पार्टी दोनों के लिए परेशानी का कारण बन सकता हैं। ग्रीन पार्टी के सहयोग की घोषणा ने भी इन्हें कोई लाभ नहीं दिया और पार्टी की स्थिति पहले से और अधिक नीचे नजर आ रही हैं।
लिबरलस, कंजरवेटिव की ख्याति एनडीपी के दु:ख को और अधिक बढ़ा रहे हैं :
जहां एक ओर एनडीपी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं, वहीं लिबरलस और कंजरवेटिवस की बढ़ती ख्याति पार्टी के दुख को और अधिक बढ़ा रही हैं, न्यू डैमोक्रेटस के दु:खी होने का मुख्य कारण यह हैं कि इस बार क्यूबेक की सभी 16 सीटों पर भी उनकी उम्मीदवारी कमजोर हैं और चुनावों के पश्चात ये सीटें भी सुरक्षित नहीं होगी तो उनकी स्थिति और अधिक दयनीय हो जाएगी। फिलहाल एनडीपी ने इन पोल रिपोर्टों पर कोई भी प्रतिक्रिया जारी नहीं की हैं, सभी की नजरे आगामी उपचुनावों के परिणामों पर टिकी हुई हैं।
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