नए ऑटिज्म कार्यक्रम को समर्थन नहीं मिलने पर, चार वर्ष का लंबा इंतजार करना होगा

टोरंटो। ओंटेरियो के मंत्री ने चिंता जताते हुए कहा कि यदि जनता का समर्थन नए ऑटिज्म कार्यक्रम को नहीं मिला तो अगले कार्यक्रम के लिए चार वर्ष का लंबा इंतजार करना होगा। ऑटिज्म कार्यक्रम के पुनर्निमाण पर संबंधित ग्रुपस ने यह दावा किया और कहा यदि नए कार्यक्रम को लोगों का समर्थन नहीं मिला तो इसके लिए अगली सरकार का इंतजार करना होगा। ग्रुपस ने यह भी बताया कि इस नई योजना की विस्तृत जानकारी सरकार ने अभी तक सार्वजनिक नहीं की हैं जिससे भी लोगों को दुविधा के कारण इसे अपनाने में असहजता हो रही हैं, सरकार को इसके लिए जल्द ही इसकी विस्तृत जानकारी देनी चाहिए और नई योजना के अनुसार कई ऐसे बच्चों की थैरेपी बीच में ही रुक सकती हैं जिन्हें यह लाभ प्राप्त हो रहा था और जल्द ही उनका उपचार पूर्ण होने वाला था, क्योंकि नए प्रावधान के अनुसार लाभार्थी को वार्षिक भुगतान किया जाएगा जो राशि एक थैरेपी के लिए पर्याप्त नहीं हैं। इस संकट पर भी सरकार को जनता के बीच अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा।  गौरतलब है कि सरकार की इस नई योजना के विरोध में अभिभावक, समर्थक और स्कूल प्रणाली से जुड़े सदस्यों ने इसके प्रति अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यदि बच्चें अपनी थैरेपी को पूरा नहीं कर पाते हैं तो वह आगे चलकर कैसे अपनी पढ़ाई पूरी करेंगे और एक सामान्य जीवन व्यतीत कर सकेंगे, ओंटेरियो ऑटिज्म कॉलीशन के अध्यक्ष लॉरा किरबी-मक्इन्टोश ने कहा कि यह घोषणा ऑटिज्म पीड़ित बच्चों के लिए सुनामी हैं, जिसके पश्चात कोई भी ऑटिज्म पीड़ित बच्चा इस दुनिया में स्थिर नहीं रह सकेगा, इस परिवर्तन का बुरा प्रभाव सोचकर ही लोग कांप जाते हैं परंतु प्रीमियर डाग फोर्ड का मानना है कि इस प्रकार से सरकार कोई भी ऐसी नीति का क्रियान्वयण नहीं करेगा जिससे लोगों को नुकसान पहुंचे या अंत में इस योजना के लिए सरकार को स्वयं भी हानि पहुंचे। ऑटिज्म से पीड़ित एक बच्चे की मां क्रिस्टन इलीसन ने पत्रकारों को बताया कि उनका पुत्र जोकि ऑटिज्म पीड़ित हैं, इस घोषणा के पश्चात से स्कूल न जाने वाले छात्रों में उसका नाम भी दर्ज हो गया हैं और भविष्य में उसे इसका कितने दिना सामना करना पड़ सकता हैं इसका भी कोई अनुमान नहीं हैं। गौरतलब हैं कि वर्ष 2018-19 के लिए सरकार ने 3 बिलीयन डॉलर का प्रस्ताव रखा हैं, जिसमें उन्होंने इस धन को युवाओं को वित्तीय मजबूती प्रदान करना हैं। जिससे वे भविष्य में कोई ऐसा कार्य करें जिससे आम जनजीवन में शामिल हो सके।
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