मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में आरसीएमपी ने पकड़े 17 संदिग्ध आरोपी
मॉन्ट्रीयल। पुलिस सूत्रों के अनुसार गत दिनों एक छापे में 17 संदिग्ध आरोपियों को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इन लोगों पर आरोप लगाया गया कि ये लोग गैर कानूनी रुप से अंतरराष्ट्रीय नकदी को एकत्र कर रहे थे। पुलिस के अनुसार इन लोगों का संबंध अपराध जगत से भी हैं और ये लोग इस नकदी का उपयोग गलत कार्यों के लिए करने वाले थे, विशेष तौर पर नशीले पदार्थों के क्रय में जिससे किसी को भी इस बारे में कोई भी शक न हो। सुपरीटेन्डेंट मारटीन फॉन्टेन ने बताया कि इस नेटवर्क का संबंध लेबनान से हो सकता हैं, जोकि युनाईटेड अरब अमीरात, ईरान, युनाईटेड स्टेटस और चीन तक फैला हुआ हैं, क्योंकि इन लोगों के पास इन देशों की नकदी बहुत अधिक मात्रा में मिली जिससे ये बात प्रमाणित हो जाती हैं कि अगले कुछ दिनों में ये लोग इन देशों में कोई बड़ी वारदात को अंजाम देने वाले थे, परंतु इससे पहले कैनेडा से यह कार्य हल कर दिया। इस नकदी से कोलम्बिया और मैक्सिको से ड्रगस आदि का निर्यात भी किया जा सकता था, जिस पर अब पूर्णत: रोक लगा दी हैं। वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारी ने बताया कि धन की पूरी जानकारी जांच के पश्चात सार्वजनिक कर दी जाएंगी, जिसके पश्चात ही इन लोगों पर गैंगस्टर होने के सभी आरोप लगाएं जा सकेंगे। इसके लिए पुलिस तैयारी में जुट गई हैं जिससे अपराधियों को उचित दंड मिल सके और भविष्य में वे इस प्रकार का कोई भी गलत कार्य नहीं कर सके। सोमवार को आरसीएमपी के लगभग 300 अधिकारियों ने मिलकर एक योजना तैयार की जिसके अंतर्गत उन्होंने ओंटेरियो और क्यूबेक में कई स्थानों पर छापे मारें और संदिग्धों को गिरफ्तार किया। बताया जाता हैं कि इस छापेमारी में उन्हें भारी मात्रा में ड्रग्स, नकदी और बैंक एकाउन्टस की डिटेलस व बेनामी संपत्तियों का वर्णन आदि मिला जिनका कुल मूल्य 32.8 मिलीयन डॉलर बताया जा रहा हैं, ज्ञात हो कि यह रेड प्रांत की सबसे बड़ी रेड में से एक बताया जा रहा हैं। इस नेटवर्क के मुख्य आरोपियों के रुप में नादेर ग्रमेन-निक, 56 वर्षीय और मोहम्मद जाबेर, 51 वर्षीय को मुख्य रुप से गिरफ्तार कर लिया गया हैं, जिनका फैसला जल्द ही सबके सामने आ जाएगा, वहीं दूसरी ओर गुरुग्राम के सभी मामलों को और अधिक लंबित कर दिया हैं।
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